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कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति का नियम बदलेगा

कॉलेज सर्विस कमीशन अमेंडमेंट बिल 2017 को लेकर शिक्षकों में असंतोष सीएससी एक्ट में संशोधन से कॉलेजों में शिक्षकों की कमी नहीं होगी : शिक्षा विभाग कोलकाता : उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विधानसभा के वर्तमान सत्र में पश्चिम बंगाल कॉलेज सर्विस कमीशन अमेंडमेंट बिल 2017 पेश करने के बाद कॉलेजों में एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसरों […]

कॉलेज सर्विस कमीशन अमेंडमेंट बिल 2017 को लेकर शिक्षकों में असंतोष
सीएससी एक्ट में संशोधन से कॉलेजों में शिक्षकों की कमी नहीं होगी : शिक्षा विभाग
कोलकाता : उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विधानसभा के वर्तमान सत्र में पश्चिम बंगाल कॉलेज सर्विस कमीशन अमेंडमेंट बिल 2017 पेश करने के बाद कॉलेजों में एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसरों की नियुक्ति का मापदंड बदल जायेगा. इसको लेकर कॉलेज टीचर संगठनों में असंतोष है.
इन संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना है कि इस बिल के पास होने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर की सीधे ही नियुक्ति कर सकती है.
अभी तक डायरेक्ट नियुक्ति पत्र केवल असिस्टेंट प्रोफेसर को ही दिया जाता था. इस पद के उम्मीदवारों को करियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत सीनियर पद पर प्रोन्नत किया जाता था. अब इसमें कुछ बदलाव होने की संभावना है. विधानसभा में वर्तमान सत्र में पश्चिम बंगाल कॉलेज सर्विस कमीशन अमेंडमेंट बिल 2017 पेश किया जाना है. इसी को लेकर अभी से ही कॉलेज शिक्षकों में चर्चा शुरू हो गयी है.
विभाग के सूत्रों का कहना है कि इस बिल के बाद जरूरी सेक्शनों मेंसंशोधन किया जायेगा. अभी तक कॉलेज सर्विस कमीशन द्वारा ही सहायक प्रोफेसर व प्रिंसिपलों के स्तर की नियुक्ति की जाती रही है. प्रदोन्नति के बाद एसोसिएट प्रोफेसर के पद की नियुक्ति केवल करियर एडवांसमेंट स्कीम (सीएएस) के जरिये होती थी. हाल ही में राज्य कैबिनेट द्वारा जारी नये नियम के तहत कई पदों पर मंजूरी दी गयी है. यह मंजूरी एनसीटीइ (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन) नियम 2014 के तहत दी गयी है. सरकारी मान्यता प्राप्त लगभग 250 बीएड कॉलेज जो सक्रिय हैं, इन कॉलेजों में अलग-अलग पदों पर सीएससी द्वारा भर्ती की जायेगी. एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर की नियुक्ति का काम एनसीटीइ एक्ट 2014 के तहत किया जायेगा.
अगर सीएससी एक्ट में संशोधन किया जाता है, तो पीजी कोर्स चलानेवाले कई कॉलेजों को शिक्षकों की कमी नहीं होगी. इस संशोधन के बाद पीजी कोर्स चलानेवाले राज्य के 50 सरकारी कॉलेजों में प्रोफेसर पद की नियुक्ति सीधे सरकार द्वारा ही की जायेगी. इसी को लेकर कॉलेज-शिक्षकों में असहमति है. उनका कहना है कि वे इस बिल का विरोध करेंगे.

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