धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रही लालबत्ती

अजय विद्यार्थी कोलकाता : 1 मई से लाल बत्ती पर प्रतिबंध लगाये जाने के बावजूद राज्य के विधायक धड़ल्ले से लाल बत्ती लगी गाड़ी का इस्तेमाल कर रहे हैं. विधानसभा परिसर में ऐसे कई विधायकों की गाड़ी की तसवीरें सामने आयी हैं, जिनमें लाल बत्ती लगी हुई है. हमारे पास कुछ तसवीरें हैं, जिनमें लाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2017 9:38 AM
अजय विद्यार्थी
कोलकाता : 1 मई से लाल बत्ती पर प्रतिबंध लगाये जाने के बावजूद राज्य के विधायक धड़ल्ले से लाल बत्ती लगी गाड़ी का इस्तेमाल कर रहे हैं. विधानसभा परिसर में ऐसे कई विधायकों की गाड़ी की तसवीरें सामने आयी हैं, जिनमें लाल बत्ती लगी हुई है. हमारे पास कुछ तसवीरें हैं, जिनमें लाल बत्ती लगी गाड़ियां विधानसभा पार्किंग में खड़ी देखी जा सकती हैं.
विधानसभा में केवल विधायकों व मंत्रियों को गाड़ी पार्किंग की अनुमति है. ये गाड़ियां विभिन्न नगरपालिकाओं के चेयरमैन, विधानसभा की विभिन्न कमेटियों के चेयरमैनों की हैं, जिन्होंने अभी लाल बत्ती को अपनी गाड़ियों से नहीं हटाये हैं. गौरतलब है कि इमाम बरकती ने केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ लालबत्ती का इस्तेमाल जारी रखा और आदेश को मानने से इनकार करते रहे. हालांकि बाद में उन पर मुकदमा भी दर्ज हुआ और उन्‍हें अपने पद से भी हाथ धोना पड़ा.
ऐतिहासिक टीपू सुलतान मसजिद का संचालन करनेवाली प्रिंस गुलाम मोहम्मद वक्फ इस्टेट ने इमाम मौलाना नुरूर्रहमान बरकती को मसजिद के इमाम के पद से हटा दिया. अप्रैल माह में मोदी कैबिनेट ने एक बड़ा फैसला करते हुए एक मई से अधिकारियों और मंत्रियों के वाहनों से लालबत्ती हटाने का निर्देश दिया था. सरकार ने वीआईपी वाहनों की लालबत्ती संस्कृति समाप्त करने के उद्देश्य से यह फैसला किया था. देश में सिर्फ पांच लोग वाहनों पर लाल बत्ती लगा सकेंगे. इन पांच लोगों में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और लोकसभा स्पीकर हैं.
क्या कानून नहीं माना जा रहा है. यह देखना सरकार का काम है. कौन लाल बत्ती लगा रहा है. यह सरकार देखेगी. आम लोगों के दु:ख, दर्द, अत्याचार व शोषण को लोगों के सामने लाना विपक्ष का काम है.
-अब्दुल मन्नान, विपक्ष नेता, विधानसभा
मैं तो लाल बत्ती लगा कर नहीं घूमता हूं. मुझे नहीं मालूम है कि इस बारे में मुख्य सचिव का क्या निर्देश है
-पार्थ चटर्जी, शिक्षा व संसदीय मामलों के मंत्री.
विधानसभा कानून बनाने की जगह है, लेकिन इस सरकार के शासन में यह गैर कानूनी हो गया है. इस कारण ही यहां अभी भी लाल बत्ती लगायी गाड़ियां हैं.
-सुजन चक्रवर्ती, विधायक दल नेता, माकपा.
पश्चिम बंगाल में बरकती का शासन चलता है. लाल बत्ती लगी गाड़ियां यह साबित करती हैं कि यहां कानून का शासन नहीं है, वरन बरकती के निर्देश पर शासन चलता है.
-राहुल सिन्हा, राष्ट्रीय सचिव, भारतीय जनता पार्टी.

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