मुख्यमंत्री ने नहीं सुनी पीड़िता की गुहार

कोलकाता: दुर्लभ बीमारी से त्रस्त बच्चियों की गुहार मुख्यमंत्री ने नहीं सुन सकी और चुनाव आचार संहिता का हवाला देते हुए उनको दो महीने तक बीमारी में ही दिन गुजारने के लिए कहा. गौरतलब है कि मालदा जिले की रहनेवाली संध्या प्रमाणिक की दो बेटियां हैं और दोनों ही एक दुर्लभ प्रकार की बीमारी से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2014 8:46 AM

कोलकाता: दुर्लभ बीमारी से त्रस्त बच्चियों की गुहार मुख्यमंत्री ने नहीं सुन सकी और चुनाव आचार संहिता का हवाला देते हुए उनको दो महीने तक बीमारी में ही दिन गुजारने के लिए कहा. गौरतलब है कि मालदा जिले की रहनेवाली संध्या प्रमाणिक की दो बेटियां हैं और दोनों ही एक दुर्लभ प्रकार की बीमारी से त्रस्त हैं. जन्म से ही उनके शरीर के प्रत्येक अंग का चमड़ा निकलता रहता है.

इस बीमारी को लेकर अपने आर्थिक शक्ति के अनुसार मालदा जिले के सभी चिकित्सकों को वह दिखा चुकी हैं, लेकिन उनकी बच्चियों के इस रोग का अब तक निवारण नहीं हो पाया. सबसे पहले संध्या प्रमाणित ने अपने स्थानीय विधायक के पास पहुंची, लेकिन उन्होंने कोई भी मदद करने से इनकार कर दिया. इसके बाद जिले से सत्तारूढ़ पार्टी के पर्यटन मंत्री कृष्णोंदु नारायणन चौधरी के पास पहुंची, उन्होंने संध्या प्रमाणिक को महानगर में स्थित एसएसकेएम हॉस्पिटल में जाने की सलाह दी.

संध्या अपने दोनों बच्चियों को लेकर एसएसकेएम पहुंची, लेकिन वहां चिकित्सकों ने ब्लड टेस्ट कराने का सलाह दिया, लेकिन वह ब्लड टेस्ट अस्पताल में नहीं होगा, उसे कराने के लिए भी कम से कम चार हजार रुपये की जरूरत है. इसके बाद संध्या प्रमाणिक ने सीधे मुख्यमंत्री से संपर्क साधा, लेकिन मुख्यमंत्री ने भी फिलहाल कोई मदद नहीं किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी चुनाव आचार संहिता लागू है, इसलिए वह इस मामले में कुछ नहीं कर पायेंगी. हालांकि उन्होंने आश्वासन दिया कि चुनाव खत्म होने के बाद बच्चियों का इलाज कराने की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी.

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