संवाददाता, कोलकाता
एसएसकेएम (पीजी) के डॉक्टरों ने छह महीने से मरीज के पेट में पड़े कपड़े को ऑपरेशन कर बाहर निकाल लिया. कपड़े का साइज 25/25 सेंटीमीटर था. गुरुवार को हुए लेप्रोस्कोपी ऑपरेशन में डॉक्टरों की टीम को तीन घंटे का समय लगा. फिलहाल मरीज की हालत स्थिर बतायी जा रही है, लेकिन अभी कुछ दिनों तक उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा जायेगा. मरीज का नाम मकबूल आलम (64) है. वह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का निवासी है.
जानकारी के अनुसार, गॉल ब्लैडर में स्टोन की पुष्टि होने पर छह महीने पहले मकबूल आलम का गोरखपुर स्थित एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन हुआ था. तीन दिनों के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया. तीन महीने बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. उल्टी और पेट दर्द की शिकायत के साथ-साथ वजन भी घटने लगा. स्थानीय डॉक्टर इसका कारण नहीं समझ पा रहे थे. इस बीच करीब डेढ़ महीने में उनका वजन 15 किलो वजन कम हो गया. फिर डॉक्टर ने एंडोस्कोपी कराने के लिए कहा. उसकी रिपोर्ट में मरीज के पेट में एक कपड़ा होने की बात पता चली. यह कपड़ा पथरी का ऑपरेशन करने के दौरान पेट में लापरवाही के चलते छूट गया था. बता दें कि ऑपरेशन के समय मरीज का खून साफ करने के लिए ऐसे कपड़े का उपयोग डॉक्टर और सिस्टर करते हैं. फिर मकबूल के परिजन उसे एसएसकेएम लेकर आया, जहां उसे भर्ती लिया गया. लेकिन मरीज के काफी कमजोर होने के चलते ऑपरेशन करना संभव नहीं हो पा रहा था. शारीरिक स्थिति सुधरने पर गुरुवार को डॉ सिराज अहमद और डॉ शांतनु सिन्हा ने सर्जरी कर उसके पेट से कपड़े को बाहर निकाला.
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