एक निजी अस्पताल पर 10 हजार रुपये का जुर्माना

मरीज जिस डॉक्टर की तलाश कर रही थी, वह अस्पताल में उपलब्ध नहीं था.

By Prabhat Khabar News Desk | October 29, 2024 2:05 AM
an image

कोलकाता. वेस्ट बंगाल क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट रेगुलेटरी कमीशन ने सोमवार को सीएमआरआइ अस्पताल पर एक मरीज के साथ ””दुर्व्यवहार”” करने के आरोप पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. आयोग के अनुसार, दक्षिण 24-परगना के डायमंड हार्बर की रहने वाली एक मरीज अनुपमा हलदर ने आइवीएफ के जरिए गर्भधारण की थी. उसे डॉक्टरी सलाह के लिए सीएमआरआइ अस्पताल ले जाया गया था. मरीज जिस डॉक्टर की तलाश कर रही थी, वह अस्पताल में उपलब्ध नहीं था. इसलिए, मरीज ने दूसरे डॉक्टर से परामर्श लिया. मरीज के एक परिजन ने सुनवाई के दौरान आयोग को बताया कि वे मरीज को विश्वास के आधार पर परामर्श के लिए यह अस्पताल ले गये थे, क्योंकि मरीज ने पहले भी उसी अस्पताल में पित्ताशय की थैली की सर्जरी करवायी थी. पहले अस्पताल ने सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया था. इस बार मरीज को देखने के बाद परामर्श देने वाले डॉक्टर ने मरीज को बुकिंग के लिए अस्पताल के समन्वयक के पास जाने को कहा. आरोप है कि समन्वयक ने उसकी बुकिंग नहीं ली. मरीज को अस्पताल के एक अधिकारी के पास भेजा गया, जिसने कथित तौर पर महिला के साथ दुर्व्यवहार किया, क्योंकि वह पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य योजना स्वास्थ्य साथी के जरिए इलाज कराना चाहती थी. आयोग के चेयरमैन व जस्टिस (सेवानिवृत्त) असीम बनर्जी ने कहा कि अस्पताल के समन्वयक ने मरीज के साथ “अशिष्ट व्यवहार” किया था. मामले की सुनवाई के बाद आयोग ने अस्पताल पर जुर्माना लगाया है. आयोग ने अस्पताल के अधिकारियों को मरीज को मांफी मांगते हुए खेद पत्र भी लिखने के निर्देश दिया है. एक अन्य घटना में आयोग ने वुडलैंड्स मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल को एक मरीज के परिवार के सदस्यों को 13,600 रुपये वापस करने के लिए कहा है, क्योंकि उनसे बहुत अधिक पैसे लिये गये थे. यह आरोप लगाया गया था कि अस्पताल ने मरीज को अनावश्यक रूप से एक ही केबिन में रखा, जबकि मरीज को आसानी से डबल शेयरिंग केबिन में रखा जा सकता था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version