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व्यक्ति ही नहीं, परिवार व समाज को भी प्रभावित करता है नशा

उन्होंने कहा कि नशा न केवल व्यक्ति को बल्कि परिवार, समाज और देश को भी बुरी तरह प्रभावित करता है.

हिंदी विश्वविद्यालय में ‘नशे से मुक्ति : युवाओं की शक्ति’ विषय पर राज्यस्तरीय संगोष्ठी का आयोजन हावड़ा. हिंदी विश्वविद्यालय की ओर से ‘नशे से मुक्ति ही युवाओं की शक्ति’ विषय पर राज्यस्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विजय कुमार भारती ने किया. उन्होंने कहा कि नशा न केवल व्यक्ति को बल्कि परिवार, समाज और देश को भी बुरी तरह प्रभावित करता है. वर्तमान समय में नशा और इससे जुड़ी चीजों को प्रतिष्ठा का विषय समझा जाने लगा है, जो कि एक स्वस्थ और शिक्षित समाज के लिए अत्यंत हानिकारक है. फिल्म जगत और विज्ञापन जगत भी इसे महिमामंडित करने में पीछे नहीं है. विज्ञापन बाजार की चिंता करता है, मनुष्य की नहीं. शराबी व्यक्ति धीरे-धीरे घृणा का पात्र बन जाता है, लेकिन आज के वैज्ञानिक युग में उसे घृणा की दृष्टि से नहीं, बल्कि मानसिक रोगी की तरह देखा जाना चाहिए. उसे नशे से मुक्त करने में उसकी सहायता करनी चाहिए. कुलपति ने युवाओं को डिप्रेशन से मुक्ति के लिए अच्छी किताबें पढ़ने और संगीत सुनने के लिए कहा. साथ ही नशामुक्त समाज बनाने के लिए युवाओं से आह्वान किया. अध्यापक डॉ प्रेम बहादुर माजी ने कहा कि आज विश्व में लगभग 292 मिलियन लोग नशे की चपेट में हैं. पहले अफीम आदि का उपयोग औषधि बनाने के लिए किया जाता था. परंतु आज यह दुनिया के तमाम देशों में नशे के लिए व्यवहार किया जा रहा है. यह समाज और देश के लिए अत्यंत हानिकारक है. इतिहास विभाग के अध्यापक डॉक्टर इंद्रजीत यादव ने अफीम युद्ध के परिप्रेक्ष्य में अंग्रेजों की साम्राज्यवादी नीति को दर्शाते हुए कहा कि नशा से किस प्रकार पूंजीपति वर्ग और अधिक मुनाफा कमा रहा है. वाणिज्यिक व्यवस्था युवाओं को नशे के गिरफ्त में ले रही है. मौके पर नशा मुक्ति और जागरूक समाज का संदेश देते पोस्टरों की प्रदर्शनी विभागीय विद्यार्थियों प्रियंका तिवारी, पूनम कुमारी बिंद, मिथुन कुमार शर्मा, अंजलि चौरसिया, जारा हयात, ऋषिका साव, कुंदन वर्मा, शगुन ठाकुर और कोयल मांझी द्वारा लगायी गयी. अंजली सिंह, वर्षा सिंह, सूरज कुमार रावत व अंजलि चौरसिया ने नशा मुक्ति के संदर्भ में काव्य पाठ किया. इतिहास विभाग के विद्यार्थी अमरजीत पंडित और आरफा नाज ने ‘मादक पदार्थों की लत और समाज पर इसका घातक प्रभाव’ विषय पर अपने अपने विचार प्रस्तुत किया. राजनीति विज्ञान के विद्यार्थी सतीश कुमार सिंह और खुशबू कुमारी बरनवाल द्वारा “युवाओं में नशे की लत और बचाव “, ” नशा नाश का द्वारा ” विषय पर विचार प्रस्तुत किये गये. हिंदी विभाग और अनुवाद विभाग की छात्राओं निशा कुमारी चंद्रवंशी, अंजली सिंह, शाहीन परवीन, दीपिका साहू, सलेहा खातून द्वारा हिंदी भोजपुरी लोकगीत का सामूहिक रूप से गायन किया गया. हिंदी एवं अनुवाद विभाग के संयुक्त प्रयास से अनुराग सिंह, निशा कुमारी चंद्रवंशी,सलेहा खातून,आयुषी शाह, दीपिका साव, करिश्मा साव, ज्योति कुमारी गुप्ता, डायना पामा दास, अंजली सिंह और अनिल कुमार सिंह द्वारा समाज को नशे से मुक्त करने का संदेश देती सफल नाटक की प्रस्तुति की गयी. इस अवसर पर इतिहास विभाग के अध्यापक डॉ आर्को प्रभु सरकार, डॉ सौमिता मित्रा, हिंदी और अनुवाद विभाग के शिक्षकों में डॉ ज्योति पासवान, डॉ गुड्डी कुमारी, विजयता दुबे, डॉ कृष्णानंद भारती और मिली वर्मा उपस्थित रहीं. राजनीति विज्ञान के शिक्षकगणों में संगीता बारी और विप्लव वर्मन उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन हिंदी की अध्यापिका दिव्या प्रसाद तथा धन्यवाद ज्ञापन राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यापक विश्वजीत प्रसाद हजाम ने किया.

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