खनन दुर्घटना से पल्ला झाड़ने की फिराक में प्रशासन : एसयूसीआइ (सी)
मृतक के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को उचित सरकारी नौकरी व घायलों को 25 लाख रुपये का मुआवजा देना होगा.
कोलकाता. बीरभूम के गंगारामपुर में खनन दुर्घटना के मद्देनजर सिउरी में डीएम कार्यालय के बाहर एसयूसीआइ (सी) के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपा गया. एसयूसीआइ (सी) का आरोप है कि प्रशासन की ओर से इस गंभीर दुर्घटना से पल्ला झाडने का प्रयास किया जा रहा है. इसके खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी. उल्लेखनीय है कि बीते दिनों गंगारामचक ओपन-पिट खदान क्षेत्र में हुई दुर्घटना में कई लोगों की मौत हाे गयी, जबकि अन्य घायल हैं. एसयूसीआइ (सी) का आरोप है कि पीडीसीएल स्वयं काम करने की बजाय किसी अन्य निजी एजेंसी के माध्यम से काम करवाती है. इसकी वजह से ऐसी दुखद घटना घटी. लेकिन फिर भी जिलाशासक मामले की जिम्मेवारी से भागने की कोशिश कर रहे हैं. एसयूसीआइ (सी) की ओर से प्रशासन से मांग की गयी कि सरकार को विस्फोट में मारे गये मजदूरों के दाह संस्कार और घायलों के समुचित इलाज की जिम्मेदारी लेनी होगी.
मृतक के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को उचित सरकारी नौकरी व घायलों को 25 लाख रुपये का मुआवजा देना होगा. जिन लोगों की लापरवाही के कारण ऐसी दुखद घटना घटी, उचित जांच के बाद उन अपराधियों को गिरफ्तार कर कड़ी सजा देने की मांग की गयी.
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