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कोलकाता में निजी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए पारित हुआ विधेयक

राज्य में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए विधानसभा में बुधवार को कोलकाता में एक निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने संबंधी विधेयक पारित किया गया. शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने 'द भवानीपुर ग्लोबल यूनिवर्सिटी विधेयक-2024' पेश किया. सदन में विधेयक पर एक घंटे की चर्चा के बाद इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया

कोलकाता.

राज्य में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए विधानसभा में बुधवार को कोलकाता में एक निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने संबंधी विधेयक पारित किया गया. शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने ”द भवानीपुर ग्लोबल यूनिवर्सिटी विधेयक-2024” पेश किया. सदन में विधेयक पर एक घंटे की चर्चा के बाद इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने बताया कि इस विश्वविद्यालय का नाम भवानीपुर ग्लोबल विश्वविद्यालय होगा, जिसका प्रबंधन व संचालन भवानीपुर गुजराती एजुकेशन सोसाइटी करेगा, जो कोलकाता में गुजराती समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाला एक ट्रस्ट है. अगले साल से ही इस विश्वविद्यालय में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. इसका मुख्य परिसर दक्षिण कोलकाता में बीएल साहा रोड पर होगा. 4.25 एकड़ जमीन पर इसका मुख्य कैंपस होगा. वहीं, तीन लाख स्क्वायर फीट पर यूनिवर्सिटी बिल्डिंग की स्थापना की गयी है.

ब्रात्य बसु ने कहा कि इस विश्वविद्यालय को मान्यता बंगाल में सद्भाव से रहने वाले सभी समुदायों, धर्मों और भाषाओं को सम्मान देने देने की राज्य सरकार की नीति के अनुरूप है. दरअसल, गुजराती सोसाइटी द्वारा दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र स्थित भवानीपुर गुजराती एजुकेशन सोसाइटी नाम से एक निजी कॉलेज कई दशकों से संचालित किया जा रहा है. इसे ही राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है. अब नये रूप में इस काॅलेज को विश्वविद्यालय के रूप में विकसित किया जायेगा. गुजराती सोसाइटी कई वर्षों से निजी विश्वविद्यालय की मान्यता के लिए राज्य सरकार से अनुरोध कर रही थी. कोलकाता नगर निगम क्षेत्र का यह पहला निजी विश्वविद्यालय होगा. शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रस्तावित संस्थान बंगाल का 45वां विश्वविद्यालय होगा.

दो दिनों में तीन निजी विश्वविद्यालयों को मंजूरी

बता दें कि एक दिन पहले यानी मंगलवार को विधानसभा से राज्य के हुगली और उत्तर 24 परगना जिले में भी दो नये निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना से संबंधित दो विधेयक एक साथ पारित किये गये थे. ये दोनों निजी विश्वविद्यालय हैं- हुगली के धनियाखाली में रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और उत्तर 24 परगना के आगरपाड़ा में रामकृष्ण परमहंस विश्वविद्यालय. भवानीपुर ग्लोबल यूनिवर्सिटी को लेकर बीते दो दिनों में विधानसभा से तीन निजी विश्वविद्यालयों को मंजूरी दी गयी है.

भवानीपुर में इस विश्वविद्यालय की स्थापना विशेषकर ममता बनर्जी के लिए राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित हो सकती है. इस विधानसभा क्षेत्र में गैर बंगाली मतदाताओं विशेषकर गुजराती, राजस्थानी व हिंदीभाषियों की काफी संख्या है.

भाजपा ने उठाया शिक्षा क्षेत्र में धांधली का मुद्दा

वहीं, विधेयक की आलोचना करने वाले भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष के जवाब में शिक्षा मंत्री बसु ने कहा कि उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे भाजपा शासित राज्यों में बंगाल की तुलना में काफी अधिक निजी विश्वविद्यालय हैं. इससे पहले, चर्चा के दौरान भाजपा विधायक शंकर घोष ने राज्य सरकार पर निजी बीएड काॅलेजों और उच्च शिक्षा संस्थानों में भ्रष्टाचार को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया. उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार के मामलों में राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी सहित प्रमुख लोगों की गिरफ्तारी का जिक्र किया. इसपर मंत्री फिरहाद हकीम और तृणमूल के मुख्य सचेतक निर्मल घोष ने स्पीकर से शंकर घोष के भाषण से गिरफ्तारी के संदर्भों को हटाने का आग्रह किया.

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