मुख्य बातें
- इनामुल को इडी ने 19 फरवरी 2022 को मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार किया था
- इसके पहले आसनसोल अदालत में समर्पण करने के बाद 11 दिसंबर 2020 को उसे सीबीआइ ने किया था गिरफ्तार
पश्चिम बंगाल : मवेशी तस्करी मामले में इनामुल हक को अदालत से जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इडी द्वारा दायर मामले में जमानत दे दी. उन्हें पहले ही सीबीआइ द्वारा दर्ज मामले में जमानत मिल चुकी है. अदालत से मिली जमानत के बाद अब इनामुल को जेल से बाहर निकलने में कोई बाधा नहीं रहेगी. उन्हें इडी ने 19 फरवरी 2022 को मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार किया था.
इनामुल ने 11 दिसंबर 2020 को अदालत में किया था आत्मसमर्पण
बताया जा रहा है कि इनामुल ने 11 दिसंबर 2020 को आसनसोल की सीबीआइ अदालत में आत्मसमर्पण किया था. जिसके बाद उन्हें सीबीआइ ने गिरफ्तार कर लिया था. वह लगभग दो वर्ष तक कारावास में रहने के बाद वर्ष 2021 में इनामुल ने कलकत्ता हाई कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी. लेकिन इसे खारिज कर दिया गया. आखिरकार, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी मंजूर कर ली. इनामुल पर सीमा पार मवेशी की तस्करी के लिए बीएसएफ कमांडर को रिश्वत देने का आरोप लगा था.
ईडी ने इनामुल को मवेशी तस्करी मामले में दिल्ली से किया था गिरफ्तार
19 फरवरी 2022 को इडी ने पेशे से कारोबारी इनामुल को मवेशी तस्करी मामले में दिल्ली से गिरफ्तार किया था. करीब ढाई साल बाद उन्हें इडी के इस मामले में जमानत मिल गई. इनामुल मवेशी तस्करी मामले के मुख्य आरोपियों में से एक है. इडी द्वारा मवेशी तस्करी मामले की जांच में आरोपपत्र दाखिल करने के बाद तीन अतिरिक्त आरोपपत्र दाखिल किया था. इन आरोप पत्र में इनामुल, विनय और विकास मिश्रा के साथ बीएसएफ अधिकारी सतीश कुमार, अनुब्रत मंडल और सुकन्या मंडल के साथ इनामुल के सहयोगी के 14 कंपनियों के साथ कुल 12 आरोपियों का नाम शामिल किया गया था.
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