लिया नुकसान का जायजा
कोलकाता. राज्य में कुछ महीने पहले हुई भारी बारिश व उसके बाद डीवीसी के बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद कई जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी थी. इससे राज्य के लाखों किसान प्रभावित हुए. बाढ़ के बाद पिछले दिनों आये डाना चक्रवात की वजह से भी किसानों को काफी नुकसान हुआ है. बाढ़ व चक्रवात से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए राज्य के कृषि मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय व पंचायत मंत्री प्रदीप मजूमदार ने मंगलवार को राज्य सचिवालय में उच्चस्तरीय बैठक की. गौरतलब है कि इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फसलों की क्षति की रिपोर्ट राज्य मुख्यालय को भेजने का निर्देश दिया था. वह रिपोर्ट मिलने के बाद मंगलवार को कृषि मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय, पंचायत मंत्री प्रदीप मजूमदार ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद कृषि मंत्री ने कहा कि पूजा से पहले डीवीसी का पानी छोड़े जाने से किसानों को बाढ़ की स्थिति का सामना करना पड़ा और पूजा के अंत में डाना चक्रवात से नुकसान हुआ है. परिणामस्वरूप, दक्षिण बंगाल के आठ जिलों में कम से कम नौ लाख किसान की फसल को नुकसान पहुंचा है.ज्ञात हो कि इससे पहले कृषि मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने उर्वरक और फसल बीमा के मुद्दे पर एक बैठक की थी. उस बैठक में कृषि मंत्री ने साफ कर दिया था कि खाद से जुड़ी कोई भी कालाबाजारी बर्दाश्त नहीं की जायेगी. कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि यदि इस संबंध में कोई शिकायत मिलती है, तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के कृषि पदाधिकारी की होगी.
पूर्व मेदिनीपुर में सबसे ज्यादा नुकसान
रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा नुकसान पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना और पूर्व बर्दवान में हुआ है. इसके अलावा, झाड़ग्राम, पश्चिम मेदिनीपुर, उत्तर 24 परगना, बीरभूम और हुगली के भी कुछ इलाकों में फसलों का नुकसान हुआ है. नबान्न ने पहले ही फसल बीमा की अवधि 30 नवंबर तक बढ़ाने की घोषणा कर दी थी. मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट आदेश दिया है कि कोई भी किसान नुकसान का पैसा पाने से वंचित नहीं रहना चाहिए.
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