2017 व 2022 के टेट में गलत प्रश्न पूछे जाने का आरोप
राज्य सरकार की ओर से प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए वर्ष 2017 व 2022 में शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टेट आयोजित की गयी थी.
हाइकोर्ट ने जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष कमेटी का किया गठन
कोलकाता. राज्य सरकार की ओर से प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए वर्ष 2017 व 2022 में शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टेट आयोजित की गयी थी. आरोप है कि 2017 व 2022 में हुई परीक्षा में गलत प्रश्न पूछे गये थे. इसे लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट के न्यायाधीश हरीश टंडन की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया. हाइकोर्ट ने प्राथमिक शिक्षा पर्षद, कलकत्ता विश्वविद्यालय व विश्वभारती विश्वविद्यालय से एक-एक विशेषज्ञों को कमेटी में शामिल करने का आदेश दिया है. न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा है कि प्राथमिक शिक्षा पर्षद को अगले 14 दिनों के अंदर कमेटी गठन की प्रक्रिया पूरी करने को कहा है.
क्या है मामला : आरोप है कि वर्ष 2017 में हुए टेट में 23 प्रश्न गलत थे. इसे लेकर अभ्यर्थियों ने हाइकोर्ट में मामला किया था, जिस पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने विश्वभारती विश्वविद्यालय को विशेष कमेटी का गठन कर प्रश्नों की जांच करने का आदेश दिया था. इसी प्रकार 2022 की परीक्षा में भी 24 प्रश्न गलत होने के आरोप हैं और हाइकोर्ट ने जादवपुर विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों को लेकर कमेटी गठित कर इसकी जांच करने के लिए कहा था. राज्य सरकार ने हाइकोर्ट की एकल पीठ के फैसले को खंडपीठ पर चुनौती दी थी. शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश हरीश टंडन की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने 2017 व 2022 दोनों ही परीक्षा में पूछे गये गलत प्रश्नों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन करने का आदेश दिया.
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