कोलकाता.आरजी कर मेडिकल कॉलेज में आर्थिक घोटाले के आरोप में सीबीआइ ने सोमवार को कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष (53) और उनके करीबी माने जाने वाले विप्लव सिंह (52), सुमन हाजरा (46) और अफसर अली खान (44) को गिरफ्तार कर लिया था. चारों सीबीआइ की हिरासत में हैं. सूत्रों की माने, तो घोष पर अपने तीनों करीबियों को अवैध तरीके से टेंडर दिलाने के आरोप हैं. इस अनियमितता में इनके अन्य साथियों का पता लगाने का सिलसिला जारी है. महंगी कार में घूमता था अफसर : अफसर पूर्व प्रिंसिपल घोष के निजी अंगरक्षक के रूप में काम करता था. यह बात भी सामने आयी है कि एक सुरक्षाकर्मी होने के बावजूद वह करीब 40 लाख रुपये की कार से अस्पताल आता-जाता था. घोष पर आरोप है कि उसने अफसर को अस्पताल परिसर में अवैध रूप से कैफे-कैंटीन और पार्किंग टेंडर दिलाये थे, जिससे बड़ी मात्रा में धन का सिंडिकेट किया गया होगा. जांच में अफसर की आय और व्यय में भारी अंतर सामने आया है और वह आय-व्यय का ब्योरा दे पाने में असमर्थ रहा है. वह आरजी कर अस्पताल के पास बेलगछिया का रहने वाला है. सूत्रों के मुताबिक, उसकी पत्नी आरजी कर के प्रशासनिक भवन के सामने एक कैफे चलाती है. गिरफ्तार किये गये अन्य दो लोग विप्लव और सुमन हाजरा हैं. उनकी कंपनियों के जरिये अस्पताल में दवा और मेडिकल सामानों की आपूर्ति हुई थी. विप्लव की कंपनी का नाम ””””””””मां तारा टेडर्स”””””””” है. उसकी कंपनी को भी अवैध रूप से टेंडर दिलाने का आरोप घोष पर है. सुमन की दुकान का नाम ””””””””हाजरा मेडिकल”””””””” है. अस्पताल में मेडिकल सामानों की सप्लाई भी हावड़ा की इसी दुकान से हुई थी.
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