प्रतिनिधि, कल्याणी.
बीते दिनों मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में एक गर्भवती महिला की मौत और चार प्रसूताओं के बीमार होने के बाद ””वेस्ट बंगाल फार्मास्युटिकल्स”” नामक कंपनी की ””रिंगर्स लैक्टेट”” सलाइन सवालों के घेरे में आ गयी है. आरोप लगाये गये हैं कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सलाइन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के बाद भी नदिया के पलाशीपाड़ा स्थित प्रीतिमयी ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र में सलाइन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसे लेकर रोगियों व उनके परिजनों में दहशत है. इस बारे में ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी रबीउल हक ने कहा : उच्च अधिकारियों ने उस सलाइन का उपयोग बंद करने का आदेश दिया था. मुझे नहीं पता कि इसके बाद इसे मरीजों को क्यों दिया गया. मैं सोमवार को जाकर इसकी जांच करूंगा.
गौरतलब है कि गोपीनाथपुर क्षेत्र की निवासी रहीमा खातून को रविवार को प्रीतिमयी ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था. परिवार का आरोप है कि उस समय उसे प्रतिबंधित सलाइन दी गयी थी. इसके बाद मरीज के परिजनों ने नर्सों से मामले की जानकारी लेनी चाही. जवाब में नर्स ने कहा कि डॉक्टर ने उसे वह सलाइन इस्तेमाल करने को कहा था.
परिवार का दावा है कि जब उन्होंने बाद में डॉक्टर से इस मामले के बारे में पूछा, तो उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया. मरीज की रिश्तेदार मौसमी खातून ने कहा : मरीज को प्रतिबंधित सलाइन दी गयी थी. इतना सब होने के बावजूद भी उन्होंने कोई सीख नहीं ली है. यदि मरीज को कुछ हो गया, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? स्वास्थ्य विभाग को ऐसा करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई करनी चाहिए.
दूसरी ओर, जिला उप मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी पराशर पोद्दार ने कहा : प्रतिबंधित सलाइन के उपयोग पर रोक लगा दी गयी है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा वैकल्पिक सलाइन भी उपलब्ध करायी गयी है. ऐसा होना नहीं चाहिए था. मैं बाकी चीजों पर विचार कर रहा हूं.
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