Amit Shah : अमित शाह ने कहा, कोई राज्य पश्चिम बंगाल का मॉडल नहीं अपनाना चाहेगा

Amit Shah : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कोई भी राज्य अच्छा करे तो उसके उदाहरण को लागू करने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को कोई दिक्कत नहीं है.

By Shinki Singh | August 6, 2024 5:39 PM

Amit Shah : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में राज्य की ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा कि क्या कोई राज्य पश्चिम बंगाल को अपना मॉडल बना सकता है? श्री शाह ने तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत रॉय के प्रश्न के उत्तर में कटाक्ष करते हुए कहा कि देश का कोई भी राज्य अपने यहां पश्चिम बंगाल का मॉडल नहीं अपनाना चाहेगा. श्री रॉय ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान वामपंथी उग्रवाद से जुड़ा पूरक प्रश्न पूछा था. उन्होंने पश्चिम बंगाल में वामपंथी उग्रवाद के खात्मे का हवाला देते हुए सवाल किया कि क्या केंद्र सरकार इस मॉडल को दूसरे राज्यों में लागू करेगी? इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कोई भी राज्य अच्छा करे तो उसके उदाहरण को लागू करने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन कोई राज्य नहीं चाहेगा कि पश्चिम बंगाल का मॉडल उसके यहां अपनाया जाये.’’

पिछले 10 वर्षों में वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में 53 प्रतिशत की आयी है कमी

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में 53 प्रतिशत की कमी आयी है तथा इन घटनाओं में सुरक्षा बलों की मौत के मामलों में भी 72 प्रतिशत की कमी हुई है. उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद की गतिविधियों में लिप्त लोग इस देश के संविधान और लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं तथा वो हथियार के माध्यम से सत्ता हथियाना चाहते हैं. श्री राय ने कहा कि वर्ष 2010 में 96 जिले वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित थे, लेकिन मोदी सरकार के प्रयासों के कारण 2023 में वामपंथी उग्रवाद 42 जिलों तक सिमटकर रह गया. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि 10 वर्षों में जो प्रयास किये गये हैं, उसका प्रभाव स्पष्ट दिखता है. आने वाले दिनों में वामपंथी उग्रवादियों को समाप्त कर दिया जायेगा.

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गृह राज्य मंत्री ने प्रस्तुत किये आंकड़े

भारत में वामपंथी उग्रवाद को लेकर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में आंकड़े पेश किये. वामपंथी उग्रवाह के चलते हिंसा में 2010 में जहां 1005 लोगों और सुरक्षा जवानों की मौत हुई थी. वहीं 2023 में मौतों का आंकड़ा 86 फीसदी कम होकर 138 रह गया है. वहीं 30 जून 2024 तक वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में 32 फीसदी और मौतों में 17 फीसदी की भारी कमी आयी है. उन्होंने कहा कि वामपंथी हिंसा का क्षेत्र भी काफी हद तक कम हुआ है. 2013 में 10 राज्य के 126 जिले वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित थे. अप्रैल 2024 तक नौ राज्य के केवल 38 जिले इस उग्रवाद से प्रभावित माने गये हैं.

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