शादी का झांसा देकर यौन संबंध का आरोप नहीं लगा सकती बालिग

कलकत्ता हाइकोर्ट की न्यायाधीश अनन्या बंद्योपाध्याय ने दुष्कर्म के एक मामले की सुनवाई के दौरान महत्वपूर्ण आदेश दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 13, 2024 1:32 AM

हाइकोर्ट की न्यायाधीश अनन्या बंद्योपाध्याय ने सुनाया फैसला

संवाददाता, कोलकाता

कलकत्ता हाइकोर्ट की न्यायाधीश अनन्या बंद्योपाध्याय ने दुष्कर्म के एक मामले की सुनवाई के दौरान महत्वपूर्ण आदेश दिया. उन्होंने कहा कि अगर किसी बालिग महिला ने सहमति से यौन संबंध बनाया है और बाद में वह यह दावा करे कि उसका पार्टनर उससे शादी का वादा कर मुकर गया या शादी का झांसा देकर उसके साथ यौन संबंध बनाया, तो यह यह उसके पार्टनर को दुष्कर्म का दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त नहीं है. न्यायाधीश ने एक व्यक्ति के खिलाफ 13 साल पुराने दुष्कर्म के मामले की सुनवाई करते हुए उक्त फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि यौन संबंध के लिए सहमति देने वाले मामले में उचित सबूत के बिना अपीलकर्ता द्वारा पीड़िता की ओर से प्रग्नेंट होने का केवल दावा किसी व्यक्ति को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त नहीं है.

सिंगल बेंच ने अपने फैसले में इसका भी जिक्र किया कि शिकायतकर्ता ने स्पष्ट रूप से कहा था कि उसने स्वेच्छा से बिना किसी प्रतिरोध के उस व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाये, जिस पर उसने बाद में दुष्कर्म का आरोप लगाया. जब कथित तौर पर उसने पीड़िता से शादी करने से इंकार कर दिया. न्यायाधीश ने कहा कि इसलिए ऐसे मामले में पार्टनर के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज नहीं किया जा सकता. उल्लेखनीय है कि 12 जुलाई 2011 को बांकुड़ा के एडिशनल सेशन कोर्ट ने आइपीएस की धारा 376 (दुष्कर्म) के तहत दोषी ठहराते हुए आरोपी को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनायी थी.

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