प्रतिबंधित दवाओं में एसिडिटी, एंटीबायोटिक व उल्टी रोकने वालीं दवाएं शामिल
कोलकाता. मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में सेलाइन चढ़ाने से प्रसूता की हुई मौत से राज्य के स्वास्थ्य विभाग की परेशानी बढ़ गयी है. घटना के बाद से सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीज व उनके परिजन दहशत में हैं. इस घटना के बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से सेलाइन सहित 10 तरह की तरल दवाओं पर प्रतिबंध लगाया है. अब मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की ओर से अस्पताल में और सात तरह की दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गयी है. जिन सात दवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है- उनमें रैनिटिडाइन (एसिडिटी), सेफ्ट्रिएक्सोन (एंटीबायोटिक), ओंडानसेट्रॉन (उल्टी रोकने वाली दवा), फेंटेनल साइट्रेट (दर्द की दवा), ऑक्सीटोसिन (प्रसवोत्तर रक्तस्राव को रोकने के लिए उपयोग किया जाता है) शामिल हैं. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल फार्मास्युटिकल्स द्वारा स्टॉक किये गये सभी लिंगर लैक्टेट (आरएल) का उपयोग बंद करने का आदेश दिया गया है. ज्ञात हो कि शनिवार को विशेषज्ञों की टीम के निरीक्षण के बाद मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों को महत्वपूर्ण दिशानिर्देश दिये गये. उधर, इस घटना में डॉक्टरों के एक समूह ने स्वास्थ्य विभाग पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है.
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