मवेशी तस्करी के मामले में अनुब्रत मंडल को जमानत
वेशी तस्करी के मामले में बीरभूम से तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता अनुब्रत मंडल को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) के बाद अब धनशोधन पहलू की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के मामले में भी जमानत मिल गयी.
संवाददाता, कोलकाता मवेशी तस्करी के मामले में बीरभूम से तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता अनुब्रत मंडल को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) के बाद अब धनशोधन पहलू की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के मामले में भी जमानत मिल गयी. शुक्रवार को नयी दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में मंडल की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई, जहां उन्होंने अपनी शारीरिक अस्वस्थता का हवाला देते हुए जमानत का आवेदन किया था. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने 10 लाख रुपये के बॉन्ड पर मंडल की जमानत स्वीकार कर ली. अदालत के निर्देश से संबंधित दस्तावेज की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सोमवार को उनके तिहाड़ जेल से बाहर आने की संभावना है. यानी अनुब्रत मंडल के दुर्गापूजा के पहले ही बीरभूम स्थित घर वापसी की संभावना है. इससे पहले, गत 30 जुलाई को तृणमूल नेता को सीबीआइ से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गयी थी. इडी के मामले में जमानत नहीं मिलने के कारण तिहाड़ जेल से उनकी रिहाई नहीं हो पायी थी. इससे पहले, उनकी बेटी सुकन्या को भी जमानत मिल चुकी है. अगस्त में दिल्ली हाइकोर्ट ने सुकन्या की जमानत को मंजूरी दी थी. वर्ष 2022 के अगस्त में बीरभूम के नीचुपट्टी स्थित मंडल के आवास से सीबीआइ ने उन्हें गिरफ्तार किया था. सीबीआइ के बाद इडी ने वर्ष 2023 में मंडल को शोन अरेस्ट किया था. इसके बाद वह दिल्ली ले जाये गये थे. इडी की हिरासत में रहने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया. मंडल के बाद इडी ने उनकी बेटी सुकन्या को भी गिरफ्तार किया था. मंडल ने दोनों ही केंद्रीय जांच एजेंसियों के मामलों में जमानत के लिए अदालत का रुख किया था. जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ के मामले में उन्हें जमानत दे दी. हालांकि, इडी के मामले में जमानत के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट में मामला विचाराधीन था, जिसकी सुनवाई शुक्रवार को हुई और तृणमूल नेता को इस मामले में भी राहत मिली. जमानत के लिए मंडल की ओर से अदालत में पेश अधिवक्ता ने दलील दी कि मामले में मंडल ने केंद्रीय जांच एजेंसी का पूरा सहयोग किया. तृणमूल नेता (मंडल) को छोड़ कर लगभग सभी आरोपी जेल से बाहर हैं. उन्होंने अपने मुवक्किल की शारीरिक अस्वस्थता का भी हवाला दिया. इधर, इडी की ओर से उनकी जमानत का विरोध किया गया. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मंडल को सशर्त जमानत दे दी.
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