राज्य मंत्रिमंडल ने पॉक्सो के तहत पांच नये फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने को दी मंजूरी

आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक से दरिंदगी की घटना को लेकर मचे घमासान के बीच बंगाल सरकार ने यौन अपराधों से बच्चों को संरक्षण के लिए पॉक्सो अधिनियम के तहत राज्य में पांच और नये विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने के प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दी.

By Prabhat Khabar News Desk | September 11, 2024 1:49 AM
an image

संवाददाता, कोलकाता

आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक से दरिंदगी की घटना को लेकर मचे घमासान के बीच बंगाल सरकार ने यौन अपराधों से बच्चों को संरक्षण के लिए पॉक्सो अधिनियम के तहत राज्य में पांच और नये विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने के प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय नबान्न में राज्य मंत्रिमंडल (कैबिनेट) की हुई बैठक में विधि विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी.

बैठक के बाद वित्त राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पाॅक्सो अधिनियम के तहत अपराधों की त्वरित सुनवाई के लिए राज्य में 62 फास्ट ट्रैक कोर्ट पहले से हैं. अब पांच नये फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित होने के बाद पाॅक्सो अदालतों की संख्या बढ़कर 67 हो जायेगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि राज्य में छह ई-पॉक्सो कोर्ट भी हैं. मंत्री ने कहा कि बच्चों व महिलाओं के साथ यौन शोषण जैसे अपराधों को रोकने के लिए राज्य सरकार बेहद गंभीर है. इसी का परिणाम है कि ऐसे अपराधों में जल्द से जल्द सुनवाई और दोषियों को कड़ी सजा देने के लिए पांच और फास्ट ट्रैक कोर्ट को मंजूरी दी गयी है. चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि आरजी कर घटना के बाद दुष्कर्म के मामलों में दोषियों को सख्त सजा सुनिश्चित करने के लिए हाल में राज्य सरकार ने विधानसभा से अपराजिता कानून भी पारित कराया है. पाॅक्सो अधिनियम 2012 के तहत नाबालिग बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है. इस कानून का उद्देश्य अपराधों के लिए त्वरित सुनवाई सुनिश्चित करना है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version