छात्रों की योग्यता के आकलन को लेकर नयी पहलसंवाददाता, कोलकाता काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआइएससीई) के प्रमुख ने जानकारी दी है कि कक्षा तीसरी, पांचवीं और आठवीं में मूल्यांकन के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत बंगाल के लगभग 100 स्कूलों को अंदाजन (रैंडमली) चुना जायेगा. इस विषय में सीआइएससीई के मुख्य कार्यकारी और सचिव जोसेफ इमैनुएल ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट अगले शैक्षणिक सत्र में शुरू किया जायेगा. उन्होंने बताया : 2025-26 शैक्षणिक सत्र में कक्षा तीसरी, पांचवीं और आठवीं में मूल्यांकन के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा. देश भर में लगभग 300 से 500 स्कूलों का रैंडमली चयन होगा. इसमें बंगाल से लगभग 100 स्कूल होंगे. काउंसिल के सचिव ने एसोसिएशन ऑफ स्कूल्स फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट (एएसआईएससी) के तीन दिवसीय वार्षिक सम्मेलन में प्रिंसिपलों को संबोधित करते हुए घोषणा की कि वर्ष की शुरुआत में काउंसिल ने सूचित किया था कि मूल्यांकन शिक्षार्थी की सीखने की योग्यता और उनके कौशल को बढ़ाने का काम करेगी. इसमें ऐसी कोई परीक्षा नहीं होगी, जो बच्चों में पास-फेल होने का खतरा पैदा करती है. कक्षा तीसरी में खेल आधारित मूल्यांकन होगा. कक्षा पांचवी और आठवीं में मूल्यांकन अंग्रेजी, विज्ञान और गणित पर होगा. परीक्षण में वस्तुनिष्ठ और व्यक्तिपरक दोनों प्रश्न शामिल होंगे. व्यक्तिपरक अनुभाग में प्रश्न वर्णनात्मक होंगे और छात्रों के सीखने वाले विश्लेषणात्मक कौशल का परीक्षण किया जायेगा. सम्मेलन में बंगाल से लगभग 200 और देश भर से लगभग 2,000 प्रिंसिपलों ने भाग लिया. प्रिंसिपलों ने कहा कि मूल्यांकन से शिक्षकों को छात्रों की प्रगति पर नजर रखने में मदद मिलेगी. हम प्रत्येक छात्र की कमजोरियों को समझेंगे और उस पर काम कर पायेंगे. मूल्यांकन ऑनलाइन आयोजित किया जायेगा और स्कूल में आयोजित किया जायेगा. छात्रों को अपना परिणाम पता चल जायेगा, लेकिन कोई अंक नहीं दिये जायेंगे. अगले साल आइसीएसई की परीक्षाएं 18 फरवरी और आइएससी की 13 फरवरी से शुरू होंगी. परीक्षा के प्रश्नपत्र नमूने में क्रिटिकल सोच वाले 25 प्रतिशत प्रश्न होंगे.
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