तनाव. हिंदू नेता चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद प्रदर्शन जारी
शशि थरूर ने कहा- विदेश मंत्रालय के अधिकारी 11 दिसंबर को बांग्लादेश की स्थिति पर संसद की स्थायी समिति को अवगत करायेंगे
इस्कॉन ने चिन्मय कृष्ण दास को सभी पदों से हटाया, कहा- उन्हें निष्कासित किया जा चुका है
शेख हसीना के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत में मुकदमा चलाना चाहता है बांग्लादेश
एजेंसियां, ढाकाहाइकोर्ट ने बांग्लादेश में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने से गुरुवार को इनकार कर दिया. साथ ही हाइकोर्ट ने मोहम्मद यूनुस सरकार को फटकार लगायी और कहा कि सरकार कानून-व्यवस्था की स्थिति तथा बांग्लादेश के लोगों के जीवन एवं संपत्ति की सुरक्षा के प्रति सतर्क रहेगी. इससे पहले, अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने हाइकोर्ट को हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद उत्पन्न तनाव के बारे में बताया. अटॉर्नी जनरल ने बताया कि वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की हत्या और ‘इस्कॉन’ की गतिविधियों के संबंध में तीन अलग-अलग मामले दर्ज किये गये हैं. इस संबंध में 33 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. देशद्रोह के मामले में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद से ही हिंदू समुदाय के लोग बांग्लादेश में प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान एक वकील की मौत हो गयी थी. इसके बाद बांग्लादेश में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गयी थी. सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने सरकार को एक नोटिस भेज कर इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग की थी.
हसीना ने की चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की मांग
बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने गुरुवार को चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई की मांग की. कहा कि चटगांव में एक मंदिर को जला दिया गया है. इससे पहले अहमदिया समुदाय की मस्जिदों पर हमला किया गया. इस बीच, इस्कॉन बांग्लादेश ने संगठन को वकील की हत्या से जोड़ने के आरोपों को नकारा.अमेरिका में हिंदू समुदाय बोला- बांग्लादेश पर लगे बैन
अमेरिका में ‘फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज’ ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती िहंसा और चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर चिंता जतायी. संगठन ने बाइडेन और ट्रंप से आग्रह किया कि वे बांग्लादेश से हिंदुओं की रक्षा के लिए कहें. वहीं, कई हिंदू अमेरिकी समूहों ने बांग्लादेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की.सुनवाई के दौरान जज पर फेंके गये अंडे, कोर्ट चिंतित
वकीलों ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट पर धावा बोल दिया था और सुनवाई के दौरान जस्टिस मोहम्मद अशरफुल कमाल पर अंडे फेंके थे. वकीलों ने आरोप लगाया कि कमाल ने 2016 में दिवंगत राष्ट्रपति जियाउर रहमान पर टिप्पणी की थी. इस पर बांग्लादेश के प्रधान न्यायाधीश ने गुरुवार को कहा कि जज पर हमले की घटना चिंताजनक है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है