Bengal Durga Puja 2024 : काेलकाता डाॅक्टर हत्याकांड के चलते बंगाल में दुर्गा पूजा उत्सव की रौनक फीकी

Bengal Durga Puja 2024 : पश्चिम बंगाल में कई पूजा समितियों ने त्योहार के लिए राज्य सरकार के 85,000 रुपये के अनुदान को अस्वीकार कर दिया है, इसके बजाय चल रहे विरोध प्रदर्शनों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करने का विकल्प चुना है.

By Shinki Singh | October 7, 2024 3:53 PM
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Bengal Durga Puja 2024 : पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े उत्सव दुर्गा पूजा के इस वर्ष फीका रहने के आसार है, क्योंकि अगस्त में आरजी कर अस्पताल में एक महिला चिकित्सक से हुए बर्बर दुष्कर्म-हत्या की घटना को लेकर बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के तहत उत्सव के बहिष्कार की मांग भी बढ़ रही है, जिससे कोलकाता में लोगों के उत्साह पर असर पड़ रहा है. शक्ति की प्रतीक देवी दुर्गा की पूजा और हकीकत में निरंतर गंभीर खतरों का सामना कर रहीं महिलाओं के संबंध में दो अलग अलग विरोधाभासों के कारण दुर्गा पूजा उत्सव का उत्साह फीका पड़ गया है.

दुर्गा पूजा आरजी कर घटना कारण रहेगी फीकी

कोलकाता इस त्रासदी से जूझ रहा है. यह शहर परंपरा और बदलाव के बीच शक्ति, रक्षा और न्याय की प्रतीक देवी दुर्गा की भक्ति तथा महिलाओं के साथ होने वाली दैनिक हिंसा एवं अन्याय की कठोर वास्तविकता के बीच फंसा हुआ है. समाजशास्त्री प्रशांत रॉय ने ‘ऐसा लगता है कि इस साल की दुर्गा पूजा आरजी कर घटना और विरोध प्रदर्शनों के कारण काफी फीकी रहेगी. कई लोग पूजा में भाग ले सकते हैं लेकिन वे त्योहार मनाने से बचना पसंद करेंगे. कई लोग पीड़िता और उसके परिवार से खुद को जोड़ सकते हैं, यही कारण है कि विरोध प्रदर्शन इतने स्वतःस्फूर्त ढंग से उभरे हैं.

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शहर भर में गूंज रहा है हमें न्याय चाहिए

दुर्गा पूजा के दिनों में कोलकाता आमतौर पर पूजा की तैयारियों से गुलजार रहता है, सड़कें पंडालों से सजी रहती हैं, रोशनी की जाती है और हवा त्योहारी व्यंजनों की खुशबू से भरी होती है, लेकिन इस साल एक सन्नाटा सा पसरा हुआ है जो अक्सर शहर भर में गूंजते ‘हमें न्याय चाहिए’ के नारों से कुछ देर के लिए टूटता है. हाथीबागान बाजार में कार्तिक बरुई नामक एक व्यापारी ने कहा, यह साल पूर्व के साल की तरह तो नहीं रहने वाला है. हमारा पूजा का करीब 40 प्रतिशत माल अभी भी गोदाम में पड़ा है.

कई पूजा समितियों ने राज्य सरकार का अनुदान किया अस्वीकार

पश्चिम बंगाल में कई पूजा समितियों ने त्योहार के लिए राज्य सरकार के 85,000 रुपये के अनुदान को अस्वीकार कर दिया है, इसके बजाय चल रहे विरोध प्रदर्शनों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करने का विकल्प चुना है.जूनियर डॉक्टर अनिकेत महतो ने कहा, हम दुर्गा पूजा के खिलाफ नहीं हैं. लेकिन हम उत्सव का हिस्सा नहीं होंगे क्योंकि हम अपने विरोध प्रदर्शन और आमरण अनशन के साथ सड़कों पर होंगे.

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