20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bengal Durga Puja : दुर्गा पूजा मतलब कोलकाता, जानें यहां क्या-क्या है खास

Bengal Durga Puja : कोलकाता सहित पूरे बंगाल में राजबाड़ियों में सदियों से दुर्गा पूजा होती आ रही है. जमींदार तो नहीं रहे, पर उनकी राजबाड़ी में आज भी पूजा का आयोजन किया जाता है.

Bengal Durga Puja : कोलकाता सहित पूरे भारतवर्ष में नवरात्रि या दुर्गा पूजा का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. दुर्गा पूजा कोलकाता में कुछ अलग ही अंदाज से मनाया जाता है. देश के कोने-कोने से लोग यहां आते हैं. काेलकाता के दुर्गापुजा के दौरान पूजा पंडाल तो लोगों के आकर्षण का केन्द्र ताे बनते ही है साथ ही यहां के फूड स्टाॅल भी होते है बेहद खास. आइए, हम आपको कोलकाता में दुर्गा पूजा पंडालों के साथ-साथ उसकी खूबियों के बारे में भी बताते हैं. 

दुर्गा पूजा में कोलकाता में क्या खायें

दुर्गा पूजा घूमते-घूमते थक जायें, तो आप थोड़ी देर आराम कर लें. पूजा पंडाल के आसपास ही आपको तरह-तरह के व्यजंन मिल जायेंगे. स्थानीय मिठाइयों के साथ-साथ आप मिष्टी दोई (मीठी दही), संदेश, कोलकाता का प्रसिद्ध पुचका (गोलगप्पा, पानी पूड़ी या बताशा पुड़ी), रूटी आलूर दोम (रोटी आलू दम) समेत कई लजीज व्यंजन आपको तृप्त कर देंगे.

कोलकाता में इन रेस्टोरेंट्स में मिलेंगे स्पेशल डिश

इस बार पूजा के पहले ही पर्यटकों के लिए पूरे महानगर में अनगिनत रेस्टोरेंट खुल गये. यदि कोलकाता महानगर में हाथी बागान, शोभा बाजार, श्याम बाजार, काशीपुर, बेलगछिया, मानिकतल्ला में घूमते-घूमते पहुंच गये हैं, तो आपको इन इलाकों में ढेर सारे रेस्टोरेंट्स मिल जायेंगे. ये रेस्टोरेंट्स दुर्गा पूजा के लिए स्पेशल डील लेकर आये हैं. स्पेशल डिश भी लाये हैं.

Also Read : 50 की उम्र में भी दिखेंगे 25 के, अपनाएं ये टिप्स

लजीज व्यंजनों की शृंखला

इन रेस्टोरेंट्स में रसीले कबाब और करी नान और फिरनी समेत व्यंजनों की विस्तृत शृंखला है. इसमें करी चिकन, जहांगीरी मटन, रारा मसाला, कोलकाता बिरयानी चिकन हांडी, लजीज मटन कोरमा और कई अन्य व्यंजन शामिल हैं. इन इलाकों में रेस्टोरेंट देर रात तक अपनी सेवा देंगे.

कोलकाता का सिंदूर खेला है बेहद खास

विजयदशमी के दिन मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जाता है. मां दुर्गा के विसर्जन वाले दिन बंगाली महिलाएं सिंदूर खेलती हैं. यह एक अनोखा अनुभव होता है. दुर्गा पूजा पंडाल में ही औरतें सिंदूर खेलती हैं. एक-दूसरे के गाल पर लाल सिंदूर लगाती हैं. महिलाएं नाचती-गाती हैं और मां को विदा करती हैं. मां दुर्गा से मनुहार भी करती हैं कि मां अगले बरस फिर आना. वे कहती हैं- आसछे बोछोर, आबार होबे.

राजबाड़ी की परंपरागत पूजा

कोलकाता सहित पूरे बंगाल में राजबाड़ियों में सदियों से दुर्गा पूजा होती आ रही है. जमींदार तो नहीं रहे, पर उनकी राजबाड़ी (जिस भवन में राजे-रजवाड़े रहते थे, उसे बंगाल में राजबाड़ी कहते हैं) में आज भी पूजा का आयोजन किया जाता है. इसमें शोभा बाजार राजबाड़ी सबसे प्रसिद्ध है. राजबाड़ी में रहने वाले परिवार के सभी सदस्य दुर्गा पूजा परंपरागत रीति-रिवाज के साथ करते हैं.

कोलकाता के मुख्य पूजा पंडाल

चलता बागान, स्वभूमि दुर्गोत्सव कमेटी, मोहम्मद अली पार्क, कुम्हारटोली पार्क, पांच पल्ली, 21 पल्ली, संतोष मित्रा स्क्वायर, एकडालिया, बाबू बागान क्लब सार्वजनिक दुर्गा पूजा, दम दम पार्क, तरुण संघ, बालीगंज कल्चरल एसोसिएशन पूजा पंडाल, बादामतला संघ, नाकतला उदयन संघ, एकडलिया एवरग्रीन क्लब, मुदियाली क्लब में दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन किया जाता है.

Also Read : कलकत्ता मेडिकल कॉलेज के 70 डॉक्टरों ने दिया सामूहिक इस्तीफा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें