बंगाल के जूट उद्योग पर संसद में होनी चाहिए चर्चा : ऋतब्रत
धनियाखाली विधानसभा क्षेत्र स्थित महेश्वरपुर मैदान में हुगली श्रीरामपुर सांगठनिक जिला आइएनटीटीयूसी के आह्वान पर श्रमिक सभा की गयी.
प्रतिनिधि, हुगली.
धनियाखाली विधानसभा क्षेत्र स्थित महेश्वरपुर मैदान में हुगली श्रीरामपुर सांगठनिक जिला आइएनटीटीयूसी के आह्वान पर श्रमिक सभा की गयी. मौके पर राज्यसभा के सांसद व आइएनटीटीयूसी के प्रदेश अध्यक्ष ऋतब्रत बंद्योपाध्याय, हुगली जिलापरिषद के सभाधिपति रंजन धारा, विधायक तपन दासगुप्ता, विधायक अरिंदम गुइन, विधायक असीमा पात्र, महिला तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष शिल्पी चटर्जी, चंदन वर्मन, किशोर केवट, जितेंद्र सिंह उपस्थित थे.
सभा को संबोधित करते हुए ऋतब्रत बंद्योपाध्याय ने कहा कि केंद्र सरकार की नयी श्रम नीति मजदूर विरोधी है, जिसका मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ा प्रतिवाद किया है. अब तमिलनाडु और केरल जैसे राज्य भी इसका विरोध कर रहे हैं. जब तक केंद्र सरकार 100 प्रतिशत केंद्र संस्थानों में जूट बैग का उपयोग अनिवार्य नहीं करेगी, तब तक बंगाल के जूट उद्योग और श्रमिकों को कोई लाभ नहीं मिलेगा. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह यहां आकर कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन इससे मौलिक समस्याओं का समाधान नहीं होगा. बंगाल के जूट उद्योग के मुद्दे पर संसद में शॉर्ट डिस्कशन की मांग की जायेगी.
उन्होंने राज्य सरकार की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि शांतिपुर में 80 करोड़ की लागत से हैंडलूम प्रोजेक्ट शुरू हो रहा है. उन्होंने कहा कि वाम शासित राज्य केरल ने भी बंगाल के मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था को अपनाया है. ममता बनर्जी की सरकार ने मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा को लेकर नयी जागरूकता पैदा की है. अब तक एक करोड़ 73 लाख लोगों ने इस योजना के तहत पंजीकरण कराया है, और 43 लाख लोग इसका लाभ प्राप्त कर चुके हैं.
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