केंद्र के निर्देशों का पालन न करने पर रोकी गयी बंगाल की मनरेगा राशि : शिवराज

शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार राज्य के साथ कोई भेदभाव नहीं कर रही है और राज्य पर केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया.

By Prabhat Khabar News Desk | December 5, 2024 1:44 AM

संवाददाता, कोलकाता

पश्चिम बंगाल को मनरेगा के तहत धनराशि दो साल से अधिक समय से रुकी होने के बीच केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार राज्य के साथ कोई भेदभाव नहीं कर रही है और राज्य पर केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया. ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार, केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत पश्चिम बंगाल के लिए धनराशि मार्च 2022 से रोक दी गयी है. चौहान से जब एक संवाददाता सम्मेलन में पूछा गया कि आगे का रास्ता क्या है, तो उन्होंने कहा : हम भी पश्चिम बंगाल के गरीब लोगों के बारे में चिंतित हैं. हमने कुछ अनुपालन की मांग की है और यदि राज्य उन्हें पूरा करता है तो हम इस पर विचार करेंगे. चौहान ने यह भी कहा कि राज्य को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) जैसी अन्य योजनाओं के तहत धनराशि उपलब्ध करायी गयी है. श्री चौहान ने कहा : पश्चिम बंगाल को प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत धनराशि मिली है, क्योंकि उसमें कोई विसंगतियां नहीं थीं. हम एक उद्देश्य के लिए धनराशि देते हैं. यदि वह उद्देश्य पूरा नहीं होता है, यदि योजनाओं के नाम बदल दिये जाते हैं, अयोग्य लोगों को लाभार्थी बना दिया जाता है, मानकों का पालन नहीं किया जाता है, तो क्या हमें जवाब नहीं मांगना चाहिए? क्या हमें धन देते रहना चाहिए. उन्होंने कहा : केंद्र को जांच करने का अधिकार है. जांच की गयी, अनियमितताएं पायी गयीं, इसलिए हमें कार्रवाई करनी पड़ी. मंत्री ने कहा कि यदि अन्य राज्यों में भी ऐसी अनियमितताएं पायी गयीं, तो कार्रवाई की जायेगी.

गौरतलब है कि मंगलवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान जवाब देते हुए श्री चौहान ने तृणमूल कांग्रेस के सदस्य कल्याण बनर्जी के इस आरोप का जोरदार खंडन किया कि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत केंद्रीय धनराशि पश्चिम बंगाल को जारी नहीं की गयी. चौहान ने पश्चिम बंगाल सरकार पर केंद्रीय धन का दुरुपयोग करने तथा ””अयोग्य”” लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभार्थी बनाने का आरोप भी लगाया.

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