कोलकाता : प्रदेश भाजपा ने पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal government) पर असफलता का आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना को संभालने में राज्य सरकार पूरी तरह से असफल रही है. बंगाल की स्थिति पूरी तरह से हाथ से बाहर चली गयी है. इस कारण ही सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा है, जब तक इस सरकार को फटकार नहीं लगती है, तब तक काम नहीं करती है. ये बातें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने प्रभात खबर से बातचीत करते हुए कहीं.
श्री घोष ने कहा कि पहले से ही यह शिकायत आ रही थी कि यहां हेरी-फेरी हो रही है. उन लोगों ने कई बार इस मसले को उठाया है. राज्य सरकार (Mamata government) बीमार और मृत्यु हुए लोगों की संख्या छिपा रही है. जगह- जगह मृत शरीर मिल रहे थे और उसे प्रशासन ने छिपाने की कोशिश की थी. छिपा कर अंतिम संस्कार की कोशिश की थी, जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया था. जगह-जगह प्रदर्शन हुए थे. आरंभ से ही सरकार कोरोना (Coronavirus) के आकड़ें में हेरफेर कर रही थी.
उन्होंने कहा कि मृत शरीर को लेकर सामने आये वाडियो ने साबित कर दिया है कि यह सरकार गंभीर नहीं है. लोगों के साथ जो व्यवहार कर रहे हैं. वह ठीक नहीं है. एक मृतक के साथ ऐसा करना किसी भी सभ्य जगत में शोभा नहीं देता है. सुप्रीम कोर्ट ने आगे आकर निर्देश दिया और सरकार से जवाब मांगा है. यह चिंताजनक स्थिति है.
इसके पहले भी सुप्रीम कोर्ट का निर्देश आया था कि कोरोना को लेकर केंद्र सरकार जो निर्देश भेज रही है, उसको पूरा का पूरा मानना पड़ेगा. लेकिन, यह सरकार इन निर्देशों को नहीं मान रही है. इस कारण सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा.
यह पूछे जाने पर क्या ऐसी स्थिति में सरकार को इस्तीफा नहीं दे देना चाहिए. इस पर श्री घोष ने कहा कि इस्तीफा दो देंगे नहीं, लेकिन उनकी बात से लग रहा है कि वह असफल हो चुकी हैं. हार चुकी हैं. कभी गृह मंत्री को बोलती हैं कि सरकार ले लीजिए. इन बातों से लगता है कि सरकार की मुखिया हार चुकी हैं. उन्होंने बोल दिया कि अब कोरोना को लेकर जीना पड़ेगा. क्या लड़ाई करना है. इन बातों से लोग कैसे लड़ेंगे.
Posted By : Samir ranjan.