भाजपा ने ममता सरकार के खिलाफ दिया चार्जशीट, कहा- 9 साल में राज्य सरकार पूरी तरह रही है असफल

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के 9 साल पूरे होने पर प्रदेश भाजपा ने सरकार के खिलाफ 9 सूत्री चार्जशीट देते हुए कहा कि ममता बनर्जी की सरकार (Mamta government) पूरी तरह से असफल रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 27, 2020 6:22 PM
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कोलकाता : पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के 9 साल पूरे होने पर प्रदेश भाजपा ने सरकार के खिलाफ 9 सूत्री चार्जशीट देते हुए कहा कि ममता बनर्जी की सरकार (Mamta government) पूरी तरह से असफल रही है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip ghosh) ने बुधवार को नौ सूत्री चार्जशीट देते हुए कहा : कोरोना को लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था, अम्फान मुकाबला, राशन भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था व प्रजातांत्रिक व्यवस्था, अर्थव्यवस्था व उद्योग, शिक्षा व्यवस्था, कृषक विरोधी व हिंदू विरोधी सरकार पूरी तरह से असफल रही है. भाजपा 9 सूत्री चार्जशीट ममता सरकार को सचेत करने के लिए दे रही है.

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श्री घोष ने बुधवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के मामले में रिकार्ड बना दिया है. राशन वितरण में घोटाले हाल के उदाहरण हैं. प्रवासी श्रमिकों की वापसी पर केंद्र सरकार की ममता बनर्जी द्वारा आलोचना करने पर श्री घोष ने कहा कि केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि प्रवासी श्रमिकों की वापस भेजेंगे. राज्य सरकार ने शुरू से ही ढीला-ढ़ाला रवैया अपनाया है. राज्य सरकार को मानवीय रवैया अपनाना चाहिए. सुश्री बनर्जी द्वारा यह कहने पर कि प्रवासी श्रमिकों की वापसी से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ेंगे. केंद्र सरकार ही इस मामले को संभालें.

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श्री घोष ने कहा कि राज्य की जनता तो चाहती ही है कि ममता बनर्जी से मुक्ति मिले, लेकिन उत्तर प्रदेश में 400 ट्रेन जा सकते हैं, तो बंगाल में क्यों नहीं आ सकते. उन्होंने कहा कि उन लोगों को राहत कार्य के लिए जाने पर रोका जाता है, लेकिन वे लोग जायेंगे और राहत कार्य करेंगे. उन्हें राहत कार्य करने से कोई नहीं रोक सकता है.

उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को राहत कार्य करने से रोका जा रहा है. राज्य के शिक्षा मंत्री झाड़ग्राम जाकर बैठक करते हैं, लेकिन उन्हें कोरेंटिन नहीं किया जाता है. वह मेदिनीपुर जाते हैं, तो उन्हें कोरेंटिन करने की बात होती है. राज्य सरकार का रवैया अलग-अलग है.

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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अम्फान मुकाबले में सीइएससी को बलि का बकरा बनाने की कोशिश कर रही है. इसके पहले भी वह यही करते रही हैं. राशन घोटाले और कोरोना संभालने में असफल रहने के बाद क्रमश: खाद्य सचिव व स्वास्थ्य सचिव को हटा कर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की थी.

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