संवाददाता, कोलकाता
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्षी खेमे से भाजपा विधायक शंकर घोष ने ””””पश्चिम बंगाल बचपन संरक्षण विधेयक, 2024”””” शीर्षक वाला प्राइवेट मेंबर बिल विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश किया है. यह वर्तमान तृणमूल कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान पेश किया गया पहला प्राइवेट मेंबर बिल है. हालांकि, इस बिल को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए आने की संभावना कम है, किसी भी प्राइवेट मेंबर बिल को चर्चा के लिए विधानसभा के पटल पर लाने से पहले लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. सबसे पहले, प्रस्तावित बिल के लिए राज्य के विधि विभाग से स्वीकृति लेनी होगी. इसके बाद इसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कार्यालय में उनकी स्वीकृति के लिए भेज दिया जायेगा. मुख्यमंत्री की मंजूरी मिलने पर यह बिल राज्यपाल सीवी आनंद बोस के पास जायेगा. यदि राजभवन से मंजूरी मिलती है, तो यह बिल विधानसभा के पटल पर चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाएगा. विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने पहले ही कहा है कि उनके कार्यकाल में यह पहला प्राइवेट मेंबर बिल है, जिसे उनके कार्यालय में प्रस्तुत किया गया है. उन्होंने कहा कि यह बिल एक विशेष प्रक्रिया से गुजर रहा है. इसके बाद ही यह विधानसभा के पटल पर चर्चा के लिए आ सकता है.
क्या है पश्चिम बंगाल बचपन संरक्षण विधेयक : प्रस्तावित बिल में बाल विकास के क्षेत्र में शिक्षा, आदर्श शैक्षिक माहौल का निर्माण, स्कूल छोड़ने की दर में कमी लाना और स्कूल समय में समानता जैसी आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान दिया गया है. यह बिल राज्य में बाल संरक्षण और शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है.
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