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मुख्यमंत्री पद के दावेदार के बिना भाजपा लड़ेगी बंगाल चुनाव, विजयवर्गीय ने कहा – 230 सीटों पर पार्टी की होगी जीत

Bengal news, Kolkata news : भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के लिए किसी को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश नहीं करेगी और तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के खिलाफ लड़ाई के लिए उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के विकास पर भरोसा है. बंगाल के लिए पार्टी के रणनीतिकार और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने रविवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद भगवा दल अपने मुख्यमंत्री का चुनाव करेगा.

Bengal news, Kolkata news : कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के लिए किसी को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश नहीं करेगी और तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के खिलाफ लड़ाई के लिए उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के विकास पर भरोसा है. बंगाल के लिए पार्टी के रणनीतिकार और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने रविवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद भगवा दल अपने मुख्यमंत्री का चुनाव करेगा.

उल्लेखनीय है कि प्रदेश भाजपा में समीक्षा बैठक हो रही है. पिछले लॉकडाउन और गणेश चतुर्थी के कारण पिछले 4 दिनों से बैठक स्थगित थी, लेकिन सोमवार (24 अगस्त, 2020) से फिर से समीक्षा बैठक शुरू होने की संभावना है. इस बैठक में पार्टी विधानसभा चुनाव की रणनीति बना रही है.

श्री विजयवर्गीय ने कहा कि अभी के लिए यह तय किया गया है कि हम किसी को भी अपने मुख्यमंत्री चेहरे के तौर पर पेश नहीं करेंगे. हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे. एक बार सत्ता में आने के बाद विधायक दल केंद्रीय नेतृत्व से परामर्श के बाद मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी पसंद का फैसला करेगा. यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी ने इसके लिए किसी नाम पर विचार किया है, उन्होंने कहा कि इसका जवाब तो समय के पास है.

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उन्होंने कहा कि अभी हमारा लक्ष्य 294 सदस्यीय विधानसभा में 220-230 सीटें जीतना है और बहुमत से भाजपा की सरकार बनायेंगे. हम अपना लक्ष्य हासिल करेंगे, जैसा हमने लोकसभा चुनावों में किया था. मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर किसी को पेश करना कोई मुद्दा नहीं है.

भाजपा ने 2016 का विधानसभा चुनाव भी मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर बिना कोई चेहरा सामने रखे ही लड़ा था. बीते 4 वर्षों में हालांकि हावड़ा पुल के नीचे से काफी पानी बह चुका है और बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के लिए बीजेपी प्रमुख चुनौती के तौर पर उभरी है. उसने परंपरागत विरोधी दलों माकपा और कांग्रेस को तीसरे और चौथे स्थानों पर पहुंचा दिया है.

भगवा दल ने पिछले साल बंगाल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए प्रदेश की 42 में से 18 लोकसभा सीटें जीत कर राजनीतिक पंडितों को भी चौंका दिया था. उसे राज्य में 41 फीसदी मत मिले थे और उसकी सीटें सत्ताधारी टीएमसी से सिर्फ 4 कम थीं. भाजपा सूत्रों के मुताबिक, चुनावों से पहले मुख्यमंत्री पद के दावेदार का चेहरा तय करना पार्टी के लिए दोधारी तलवार साबित हो सकता है. इसलिए चुनाव जीतने के लिए यह बेहतर होगा कि विरोधी खेमे की नकारात्मकता पर भरोसा किया जाये.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हम नरेंद्र मोदी द्वारा किये गये विकास कार्यों पर चुनाव लड़ेंगे और टीएमसी सरकार की नाकामियों को उजागर करेंगे. चुनाव सत्तासीन सरकार के प्रदर्शन के आधार पर जीते या हारे जाते हैं. 1977 और 2011 में यही हुआ था जब वाम मोर्चा क्रमश: सत्ता में आया और जब चुनावों में उसे हार देखनी पड़ी.

Posted By : Samir Ranjan.

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