कोलकाता : बंगाल भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamta Banerjee) पर कोरोना व अम्फान चक्रवाती तूफान के बाद स्थिति संभालने में विफल रहने, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था में गड़बड़ी व राशन वितरण में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन की धमकी दी है. साथ ही संकेत दिया है कि यदि स्थिति नहीं सुधरी, तो जनता मुख्यमंत्री का घेराव भी कर सकती है. इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन में छूट और धार्मिक स्थलों के खोलने का निर्णय की भी आलोचना की है.
शनिवार को साल्टलेक स्थित अपने आवास पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए बंगाल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि बंगाल सरकार ने पिछले माह 2000 करोड़ रुपये का ओवर ड्राफ्ट लिया था और मुख्यमंत्री नबान्न में ही बैठ कर चक्रवात पीड़ितों की राहत के लिए 6,250 करोड़ रुपये की पैकेज की घोषणा कर दे रही हैं, जबकि लोगों को राहत सामग्री नहीं मिल रही है.
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लोग परेशान हैं. राहत सामग्री वितरण में राजनीति हो रही है. पुलिस, डॉक्टर, नर्स व आम लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. लोगों में व्यापक रूप से असंतोष बढ़ रहा है. आज बनगांव में गृह सचिव को गांव के लोगों ने घेराव किया. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं हैं, जब राज्य की जनता मुख्यमंत्री का घेराव करेगी.
गुजरात में कांग्रेस के शासनकाल में बाढ़ पीड़ितों को राहत नहीं मिलने पर वहां की जनता ने मुख्यमंत्री का ही घेराव कर लिया था. यह बंगाल में भी संभव है. श्री घोष ने लॉकडाउन में छूट के मुख्यमंत्री के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि ममता सरकार ने 8 जून से राज्य के सभी सरकारी और निजी कार्यालयों को काम की इजाजत दी है, लेकिन जब सड़कों पर बस ही नहीं चलेगी तब लोग अपने कार्यालय कैसे जायेंगे.
1 जून से मंदिर, मस्जिद व धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया है. उन्होंने कहा कि हिंदुओं व मुस्लिमों ने कई उत्सव अपने घरों में मनाये हैं. मुख्यमंत्री को इतनी जल्दबाजी क्यों है? भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और संक्रमण तेजी से फैल रहा है. वैसी स्थिति में लोगों को ज्यादा से ज्यादा घर में रहने की जरूरत है, लेकिन मुख्यमंत्री सब कुछ खोल कर लोगों को और भी खतरे में ढकेल रही हैं.
Posted By : Samir ranjan.