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डॉक्टरों के निलंबन के खिलाफ सड़क पर उतरेगी भाजपा

पश्चिम मेदिनीपुर जिले में स्थित मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक प्रसूता व उसके बाद एक नवजात की मृत्यु की घटना के बाद राज्य सरकार ने 12 चिकित्सकों को निलंबित कर दिया है.

शुभेंदु का आरोप, एक्सपायर्ड सलाइन कांड में सीआइडी को सबूतों को नष्ट करने की दी गयी जिम्मेदारीसंवाददाता, कोलकातापश्चिम मेदिनीपुर जिले में स्थित मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक प्रसूता व उसके बाद एक नवजात की मृत्यु की घटना के बाद राज्य सरकार ने 12 चिकित्सकों को निलंबित कर दिया है. चिकित्सकों के निलंबन के खिलाफ डॉक्टरों के संगठनों ने आंदोलन की घोषणा की है, जिसका विपक्ष के नेता व भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने समर्थन किया है. शुक्रवार को विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार से चिकित्सकों के निलंबन के फैसले को वापस लेने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मातृ मृत्यु का कारण सेप्टीसीमिया दिखाया गया है, तो फिर चिकित्सकों के काम में लापरवाही की बात कैसे की जा रही है? उन्होंने कहा कि यह निलंबन अवैध और अलोकतांत्रिक है. उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार द्वारा निलंबन के फैसले को वापस नहीं लिया गया, तो भारतीय जनता पार्टी इसके विरोध में सड़कों पर उतरेगी. उन्होंने कहा कि आगामी सोमवार को भाजपा की ओर से चिकित्सकों के निलंबन के खिलाफ रैली निकालेगी, जिसमें भाजपा के सांसद, विधायक व डॉक्टर सेल के पदाधिकारी सहित अन्य नेता उपस्थित रहेंगे. उन्होंने राज्य की आम जनता को चिकित्सकों के समर्थन में खड़े होने के लिए रैली में शामिल होने का आह्वान किया. श्री अधिकारी ने आगे कहा कि अगर इस घटना में एक भी डॉक्टर को गिरफ्तार किया जाता है, तो इसके खिलाफ भाजपा पार्टी कोतवाली थाने के सामने धरना देगी. उन्होंने कहा कि हम चिकित्सकों को हरसंभव मदद देने के लिए तैयार हैं.

गुड़ाप कांड में बच्ची से दुष्कर्म व हत्या मामले में फांसी की सजा का किया स्वागत :

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने हुगली जिले के गुड़ाप में पांच साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म व हत्या मामले के दोषी को निचली अदालत द्वारा शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाने के फैसले का स्वागत किया. हालांकि उन्होंने इशारों में ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अदालत का यह निर्णय समय की कसौटी पर खरा उतरेगा और उच्च न्यायालयों में भी यह फैसला बरकरार रहेगा, यह अभी नहीं कहा जा सकता, क्योंकि राज्य में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ जघन्य अपराधों से जुड़े अन्य मामलों में दोषियों की किस्मत सरकारी अभियोजकों और पुलिस की उदासीनता के कारण बदल गयी है. उन्होंने संदेह जताया कि गुड़ाप मामला भी कामदुनी की तरह ही हो सकता है. वहीं, प्रसूता की मृत्यु मामले की जांच की जिम्मेदारी सीआइडी को दिये जाने को लेकर विपक्षी नेता ने कहा कि यह इस राज्य के मुख्यमंत्री का काम है. पहले भी कई मामलों में देखा गया है कि सीआइडी ने सबूत नष्ट किये हैं और इस बार भी वे ऐसा ही कर रहे हैं, ताकि भविष्य में अगर यह सलाइन केस सीबीआइ के पास जाता है, तो उनको कोई सबूत नहीं मिल पाये. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच डीसीजीआइ के माध्यम से होनी चाहिए.

12 सस्पेंड चिकित्सकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज

खड़गपुर. मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने पहले 12 डॉक्टरों को सस्पेंड किया गया, फिर उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी है. मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रसूता की मौत के मामले में 12 डॉक्टरों को निलंबित करने के बाद कोतवाली थाने में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. स्वास्थ्य भवन के निर्देशानुसार जिला उप स्वास्थ्य अधिकारी ने छह जूनियर डॉक्टरों समेत 12 डॉक्टरों के खिलाफ कोतवाली थाने में लिखित शिकायत दर्ज करायी है. वरिष्ठ डॉक्टरों में मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज के नवनियुक्त पूर्व सुपर जयंत राउत के साथ-साथ नवपूर्व विभागाध्यक्ष एमडी अलाउद्दीन, दिलीप कुमार पाल, हिमाद्री नाइक, सोमेन दास और पल्लवी बनर्जी एफआइआर में नामजद हैं.

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