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नहीं बिकने वाले टिकटों पर लकी ड्रॉ कर ब्लैक मनी की गयी व्हाइट

लॉटरी की आड़ में घोटाला, बड़े परिमाण में कालाधन को सफेद किया गया, इडी का आरोप

खुलासा. लॉटरी घोटाले की जांच में जुटे इडी के अधिकािरयों ने दी जानकारी

कोलकाता से ही 3.5 करोड़ से ज्यादा की राशि जब्त की जा चुकी है

संवाददाता, कोलकातालॉटरी की आड़ में घोटाला, बड़े परिमाण में कालाधन को सफेद करने व धनशोधन से जुड़े मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने हाल ही में बंगाल के कोलकाता व आसपास के चार स्थानों के साथ तमिलनाडु, पंजाब व हरियाणा की करीब 20 जगहों पर अभियान चलाकर नौ करोड़ नकदी, डिजिटल उपकरण व महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किये थे. कोलकाता से ही 3.5 करोड़ से ज्यादा की राशि जब्त की गयी. सूत्रों की माने, तो इडी को आशंका है कि बिना बिके लॉटरी की टिकटों पर लकी ड्रॉ करके भी बड़े परिमाण में कालेधन को सफेद किया गया है. घोटाले व धनशोधन का यह मामला चेन्नई में रहने वाले ‘लॉटरी किंग’ सैंटियागो मार्टिन, उसके कॉरपोरेट कार्यालय व उससे जुड़े लोगों से जुड़ा हुआ है. इडी वित्तीय धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में तीन विशेष बिंदुओं की जांच कर रही है. पहली बिंदू यह है कि जांच के दायरे में आने वाली लॉटरी इकाई आमलोगों के साथ कैसे जालसाजी कर रही थी, जहां बिक चुके टिकटों पर नहीं बल्कि बिना बिके टिकटों पर लकी ड्रॉ निकाले जाते थे. इसके बाद, कई माध्यमों से विज्ञापनों के जरिये फर्जी विजेताओं को पेश किया जाता था, ताकि लोग टिकट खरीद सकें. सूत्रों ने बताया कि लोग अक्सर ऐसे विज्ञापनों के झांसे में आ जाते थे और इस तथ्य से अनजान होकर टिकट खरीद लेते थे कि उनके द्वारा खरीदे गए टिकटों पर लकी ड्रॉ निकाला जायेगा. इस प्रक्रिया में यह विशेष इकाई और इसके एजेंट मुख्य रूप से कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को निशाना बनाते थे, जिनके पास किसी भी तरह की औपचारिक शिक्षा नहीं थी. दूसरा पहलू यह है कि लॉटरी कंपनी द्वारा घोषित फर्जी विजेता को भी केवल एक छोटा हिस्सा, आमतौर पर जीतने वाली राशि का पांच प्रतिशत ही मिला और शेष राशि संबंधित लॉटरी इकाई के प्रबंधन द्वारा रख ली गयी, जो धनशोधन के विशिष्ट मामले के अंतर्गत आता है. सूत्रों का मानना है कि जांच की तीसरी बिंदू वे सेक्टर हैं, जहां आरोपी लॉटरी कंपनी ने भारत के साथ-साथ विदेशों में भी अपनी आय का निवेश किया. आरोप लग रहे हैं कि इन निवेशों के माध्यम से उक्त कंपनी ने अपने बेहिसाब धन व कालेधन को सफेद किया.

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