सीमा खुली, शुरू हुई वाहनों की आवाजाही
नाका से झारखंड की ओर 15 से 20 किलोमीटर तक वाहनों का लंबा जाम लग गया था. हालांकि, शुक्रवार शाम 6.30 बजे के बाद झारखंड की ओर फंसी गाड़ियों को बंगाल में प्रवेश करने की इजाजत दे दी गयी.
प्रतिनिधि, आसनसोल/कुल्टी
राज्य में बाढ़ जैसे हालात का हवाला देकर पश्चिम बंगाल-झारखंड बॉर्डर सील करने से एनएच-19 पर कुल्टी थाना क्षेत्र के डूबुडी नाका इलाके में अराजक स्थिति बन गयी थी. नाका से झारखंड की ओर 15 से 20 किलोमीटर तक वाहनों का लंबा जाम लग गया था. हालांकि, शुक्रवार शाम 6.30 बजे के बाद झारखंड की ओर फंसी गाड़ियों को बंगाल में प्रवेश करने की इजाजत दे दी गयी. इसके बाद दोनों ओर से गाड़ियों की धीरे-धीरे आवाजाही शुरू हो गयी. इससे कारोबारियों ने भी राहत की सांस ली है. वहीं, झारखंड की ओर से जो राजनीतिक दल वाहनों को रोके हुए थे, उन्होंने भी ढील दे दी है. अब जल्द ही हालात सामान्य
होने की उम्मीद है.
इससे पहले, गुरुवार शाम से वाहन सीमा पर आकर फंस रहे. पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड से बंगाल में और बंगाल के रास्ते अन्य राज्यों में जानेवाले हजारों की संख्या में मालवाहक वाहन यहां फंसे हुए थे.
शुक्रवार सुबह तक डाउन लेन में मालवाहक वाहनों को छोड़कर अन्य वाहन आवागमन कर रहे थे. दोपहर से डाउन लेन के तीनों लेन को जाम कर दिया गया, जिससे छोटी गाड़ियां भी फंस गयीं.
पुलिस अधिकारी ने लिया स्थिित का जायजा, झारखंड के नेता भी पहुंचे
पुलिस उपायुक्त (ट्रैफिक) पीवीजी सतीश ने इलाके का निरीक्षण किया और कहा कि पूर्व मेदिनीपुर में बाढ़ के कारण यहां जानेवालीं मालवाहक गाड़ियों को रोका गया है. जाम लगने से बीच में दूसरी जगह जानेवालीं गाड़ियां भी फंस गयी हैं. जरूरी सेवा के सामान से लोड गाड़ियों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, निरसा (झारखंड) की विधायक अपर्णा सेनगुप्ता, पूर्व विधायक अरूप चटर्जी, कुल्टी के विधायक डॉ अजय पोद्दार आदि भी डूबुडी पहुंचे. सभी ने बंगाल की मुख्यमंत्री के इस फैसले पर रोष जताया. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले को लेकर राजनीति हो रही है. इससे दोनों राज्यों के लोग प्रभावित होंगे.
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