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राज्य में आगरपाड़ा और धनियाखाली में होगी निजी विश्वविद्यालय की स्थापना

विधानसभा से मंगलवार को राज्य में दो निजी विश्वविद्यालय खोलने संबंधी दो विधेयक एक साथ पारित कर दिये गये. शीतकालीन सत्र की समाप्ति से एक दिन पहले शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने रामकृष्ण परमहंस यूनिवर्सिटी विधेयक 2024 और रवींद्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी विधेयक 2024 पेश किया. सदन में दोनों विधेयकों पर डेढ़ घंटे तक चली चर्चा के बाद इन्हें ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.

कोलकाता.

विधानसभा से मंगलवार को राज्य में दो निजी विश्वविद्यालय खोलने संबंधी दो विधेयक एक साथ पारित कर दिये गये. शीतकालीन सत्र की समाप्ति से एक दिन पहले शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने रामकृष्ण परमहंस यूनिवर्सिटी विधेयक 2024 और रवींद्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी विधेयक 2024 पेश किया. सदन में दोनों विधेयकों पर डेढ़ घंटे तक चली चर्चा के बाद इन्हें ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.

उधर, चर्चा के दौरान विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक व सिलीगुड़ी विधायक डॉ शंकर घोष ने राज्य सरकार पर हड़बड़ी में बिल लाने का आरोप लगाते हुए 64 संशोधनों का प्रस्ताव रखा. शिक्षा मंत्री ने इसमें से एक संशोधन को ही स्वीकार किया और कहा कि भाजपा विधायक के अन्य सुझावों पर कोई बदलाव करने की आवश्यकता नहीं है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि रामकृष्ण परमहंस विश्वविद्यालय उत्तर 24 परगना जिले के आगरपाड़ा में खुलेगा, जिसका संचालन व प्रबंधन रामकृष्ण विवेकानंद मिशन द्वारा किया जायेगा. अगले साल जुलाई से विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. वहीं, रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय हुगली जिले के धनियाखली में खुलेगा. इसका संचालन व प्रबंधन कालीपद साहा मेमोरियल ट्रस्ट करेगा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन दोनों निजी विश्वविद्यालयों की निरीक्षक होंगी.

बता दें कि रामकृष्ण विवेकानंद मिशन ने विश्वविद्यालय की मान्यता के लिए 1999 से राज्य शिक्षा विभाग के पास बार-बार आवेदन किया था. आखिरी बार 2018 में आवेदन किया, तो शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय के प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण करने के लिए प्रतिनिधि भेजे थे. इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसी वर्ष कैबिनेट की बैठक में विश्वविद्यालय खोलने की अनुमति दी थी. वहीं, रामकृष्ण विवेकानंद मिशन के प्रतिनिधि भी विधानसभा आये थे. उन्होंने विश्वविद्यालय खोलने की मंजूरी मिलने पर मुख्यमंत्री और राज्य सरकार को धन्यवाद दिया.

विवि का नाम रवींद्रनाथ टैगोर की जगह ठाकुर करने की मांग

भाजपा विधायक शंकर घोष ने संशोधन प्रस्तावों में एक था रवींद्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी. विधेयक में टैगोर की जगह ठाकुर नाम शामिल किया जाये. उनकी दलील थी कि कुछ दिन पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने बांग्ला भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है. उन्होंने उल्लेख किया कि टैगोर औपनिवेशिक शब्द है. इसलिए द रवींद्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी बिल 2024 का नाम रवींद्रनाथ ठाकुर यूनिवर्सिटी बिल किया जाये. शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने इस पर सहमति जतायी. उन्होंने कहा कि जिस संस्था द्वारा इस विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है, उसी ने यह नाम सुझाया है. इसलिए वह संबंधित विभाग व संस्था को टैगोर की जगह ठाकुर नाम रखने पर विचार करने के लिए अनुरोध करेंगे.

आज एक और निजी विवि के लिए पेश होगा विधेयक

शिक्षा मंत्री ने दावा किया कि दोनों विश्वविद्यालयों के खुलने से युवाओं को सुविधा होगी और रोजगार का सृजन होगा. युवाओं को विभिन्न विषयों के पठन-पाठन के साथ रिसर्च का अवसर मिलेगा. शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन बुधवार को एक और निजी विश्वविद्यालय के लिए विधानसभा में विधेयक पेश किया जायेगा. इसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विधानसभा क्षेत्र भवानीपुर में एक निजी कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा देने के लिए भवानीपुर ग्लोबल यूनिवर्सिटी विधेयक 2024 पेश किया जायेगा.

तृणमूल विधायक ने की हिंदी स्कूल खोलने की मांग

हावड़ा जिले के सांकराइल से तृणमूल कांग्रेस की विधायक प्रिया पाल ने मंगलवार विधानसभा में अपने क्षेत्र में नये हिंदी स्कूल खोलने की मांग की. ध्यानाकर्षण काल में उन्होंने शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में बड़ी संख्या में हिंदीभाषी लोग रहते हैं. इसके बावजूद उनके क्षेत्र में एकमात्र देवधारी हिंदी स्कूल है, जहां कक्षा आठवीं तक की ही पढ़ाई होती है. उन्होंने उल्लेख किया कि बच्चों को आगे की पढ़ाई के लिए काफी दूर लिलुआ या हावड़ा शहर में जाना पड़ता है. उन्होंने दावा किया कि इसके चलते उनके क्षेत्र के करीब 90 प्रतिशत हिंदीभाषी बच्चे आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं. ऐसे में उन्होंने राज्य सरकार से उनके क्षेत्र में स्थित एकमात्र हिंदी स्कूल को अपग्रेड करने अथवा नये स्कूल खोलने का अनुरोध किया.

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