हुगली से लापता व्यवसायी का शव नदिया के शांतिपुर से बरामद
गत कुछ दिनों से लापता हुगली जिले के बलागढ़ थाना अंतर्गत गुप्तीपाड़ा के बांधागाछी इलाके के निवासी व व्यवसायी समर दास (35) का शव नदिया जिले के शांतिपुर से बरामद हुआ है.
जंगल में लटकता मिला शव गले से सोने की चेन और अंगूठी गायब प्रतिनिधि, हुगली. गत कुछ दिनों से लापता हुगली जिले के बलागढ़ थाना अंतर्गत गुप्तीपाड़ा के बांधागाछी इलाके के निवासी व व्यवसायी समर दास (35) का शव नदिया जिले के शांतिपुर से बरामद हुआ है. समर दास कपड़ों पर डिजाइनिंग और लकड़ी के सामान के कारोबार से जुड़े हुए थे. वह 23 दिसंबर की सुबह घर से निकले थे. परिजनों के अनुसार इस दिन वह अपने कारोबार के सिलसिले में शांतिपुर गये थे. हालांकि, काफी देर होने के बाद भी जब उनसे फोन पर संपर्क नहीं हो पाया, तो परिजनों ने बलागढ़ थाने में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी. 24 दिसंबर को शांतिपुर के गंगा घाट के पास स्थित जंगल से समर दास का लटकता शव बरामद हुआ. परिवार ने दावा किया कि उनके गले से सोने की चेन और हाथ की सोने की अंगूठी गायब थी. उनके मोबाइल फोन का सिम कार्ड भी नहीं मिला. स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, गुप्तीपाड़ा में समर दास के पास लेजर मशीन थी, जिससे सरस्वती पूजा के लिए इस्तेमाल होने वाले पीले और लाल बॉर्डर वालीं साड़ियों पर डिजाइन किया जाता था. हाल ही में शांतिपुर के एक अन्य व्यापारी ने इसी तरह की मशीन लगायी, जिसके चलते शांतिपुर के ग्राहक वहीं से साड़ियां खरीदने लगे. कहा जा रहा है कि समर दास शांतिपुर के व्यापारियों से बात करने और जरूरत पड़ने पर उनसे कम कीमत पर साड़ी सप्लाई करने के लिए वहां गये थे. समर दास अपने पीछे वृद्ध माता-पिता, पत्नी और छोटे बच्चे को छोड़ गये हैं. समर के छोटे भाई अभिजीत दास ने उनकी मौत पर सवाल उठाये हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अगर समर आत्महत्या करते, तो नदिया क्यों जाते? जिस दिन वह लापता हुए, उस दिन उन्होंने तारापुर बाजार में एक ग्राहक से मुलाकात की थी. वहां से वह किसी के साथ बाइक पर गये और फिर टोटो से तारापुर घाट लौटे. लेकिन उनका लटकता शव किसी ने क्यों नहीं देखा? गले की चेन और अंगूठी कहां गयी. मोबाइल का सिम क्यों गायब है? उन्हाेंने समर दाय की हत्या किये जाने का आरोप लगाया. पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. मामले की जांच जारी है.
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