अब नहीं छोड़ना पड़ेगा पोलैंड के छात्र को भारत, कलकत्ता हाईकोर्ट ने नोटिस पर लगायी रोक
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केंद्र के उस नोटिस पर रोक लगा दी, जिसमें पोलैंड के छात्र को महानगर में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ आयोजित रैली में कथित तौर पर हिस्सा लेने के लिए भारत छोड़ने को कहा गया था.
कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केंद्र के उस नोटिस पर रोक लगा दी, जिसमें पोलैंड के छात्र को महानगर में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ आयोजित रैली में कथित तौर पर हिस्सा लेने के लिए भारत छोड़ने को कहा गया था. न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य ने 18 मार्च तक सरकार के नोटिस पर रोक लगा दी. उस दिन अदालत छात्र की याचिका पर आदेश पारित करेगी.
पोलैंड का छात्र कामिल सिडज्योंस्की जादवपुर विश्वविद्यालय में तुलनात्मक साहित्य विभाग में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहा है. उसे विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ), कोलकाता ने 14 फरवरी को ‘भारत छोड़ो नोटिस’ जारी किया था. पोलैंड के नागरिक के आग्रह का विरोध करते हुए केंद्र सरकार ने अदालत से कहा कि छात्र वीजा धारक होने के कारण कोई भी विदेशी भारत की संसद द्वारा पारित कानून को चुनौती नहीं दे सकता है.
उच्च न्यायालय में सिडज्योंस्की ने याचिका दायर कर नोटिस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की जिसमें उसे नोटिस प्राप्त होने के 14 दिनों के अंदर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है. चूंकि उसे 24 फरवरी को नोटिस मिला इसलिए उसे नौ मार्च तक भारत छोड़ना पड़ता.