कलकत्ता हाइकोर्ट ने पुलिस की भूमिका पर उठाये सवाल

कोर्ट को संदेह है कि वे सभी पुलिस स्टेशन जांच की स्थिति में हैं या नहीं. पुलिसकर्मियों का काम नजर नहीं आ रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 30, 2024 12:50 AM

कोलकाता. पुलिसकर्मी अपने काम के प्रति जिम्मेदार नहीं हैं. उनके काम में कोई तेजी नहीं है. शुक्रवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश तीर्थंकर घोष ने विधाननगर पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा, तो बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. हाइकोर्ट ने पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है. न्यायाधीश तीर्थंकर घोष ने शुक्रवार को टिप्पणी करते हुए कहा कि बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के सभी पुलिस स्टेशनों में अव्यवस्था है. कोर्ट को संदेह है कि वे सभी पुलिस स्टेशन जांच की स्थिति में हैं या नहीं. पुलिसकर्मियों का काम नजर नहीं आ रहा है. वह पुलिस का काम तो कर रहे हैं, लेकिन उसके प्रति जिम्मेदार नहीं है. ऐसा नहीं चल सकता. हाइकोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर पुलिस के काम में तेजी नहीं आयी, तो इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. यदि ऐसा जारी रहा, तो भविष्य की कार्रवाई के लिए तैयार रहें. गौरतलब है कि एक व्यक्ति ने अपनी जमीन का फर्जी बैनामा करने का आरोप लगाते हुए लेकटाउन थाने में मामला दर्ज कराया है. वादी के मुताबिक, शुरू में पुलिस ने कहा कि दस्तावेज फर्जी नहीं है. दस्तावेज की जांच के बाद संबंधित अधिकारियों ने कहा कि दस्तावेजों को फर्जी करार दिया. वादी ने उस मामले में सीआइडी जांच की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. शुक्रवार की सुनवाई में हाइकोर्ट ने मामले में पुलिस रिपोर्ट देखने के बाद पुलिस की भूमिका पर नाराजगी जतायी. जस्टिस घोष ने कहा कि अगर सीआइडी जांच करेगी, तो यह सीबीआइ की तरह होगी. उनसे किसी अंतिम निर्णय की उम्मीद नहीं की जा सकती. पुलिस को अपना काम करना होगा. जस्टिस घोष ने सवाल उठाया कि पुलिस जांच क्यों नहीं कर सकती? क्या उनके पास वह बुनियादी ढांचा नहीं है?

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