कलकत्ता हाइकोर्ट ने बीडीओ से मांगा जवाब
मालदा के मानिकचक के बीडीओ को अब हाइकोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर इस सवाल का जवाब देना होगा.
कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं होने पर न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने बीडीओ से जवाब तलब किया है. हाइकोर्ट ने पूछा है कि आदेश का क्रियान्वयन नहीं किये जाने पर बीडीओ को क्यों जेल नहीं भेजा जाना चाहिए? इसे लेकर बीडीओ से जवाब तलब किया है. मालदा के मानिकचक के बीडीओ को अब हाइकोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर इस सवाल का जवाब देना होगा. गौरतलब है कि मालदा के मानिकचक थाने के भुटनी उपकेंद्र में एएनएम (द्वितीय) की नियुक्ति को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. आरोप है कि योग्यता होने के बावजूद शिकायतकर्ता भुवनेश्वरी मंडल को पैनल से बाहर कर दिया गया और अनुपमा मंडल नामक एक अन्य उम्मीदवार को उस पद पर नियुक्त कर दिया गया. इसे लेकर हाइकोर्ट में मामला दायर किया गया. मामले की लंबी सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने पिछले साल आठ जुलाई को फैसला सुनाया कि ग्रामीण क्षेत्रों में एएनएम का पद महत्वपूर्ण है. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि लोग एएनएम पर निर्भर हैं. चूंकि भुवनेश्वरी मंडल लंबे समय से उस पद पर अस्थायी रूप से काम कर रही हैं, इसलिए उन्हें उस पद पर नियुक्त किया जाना चाहिए. लेकिन हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद बीडीओ ने भुवनेश्वरी मंडल को अब तक उस पद पर नियुक्त नहीं किया. इसलिए भुवनेश्वरी मंडल ने अदालत की अवमानना का मामला दायर किया, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने पूछा है कि अदालत के आदेश का पालन नहीं करने के लिए बीडीओ को एक महीने के लिए जेल क्यों न भेजा जाए? बीडीओ को अदालत के सवालों का जवाब देने के लिए 14 फरवरी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा.
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