फैसले पर पुनर्विचार करे राज्य सरकार : हाइकोर्ट

कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को 15 साल पुरानी बसों का परमिट रद्द करने के फैसले पर पुनर्विचार का आदेश दिया. राज्य सरकार के निर्देश के खिलाफ निजी बस मालिकों के संगठन ने हाइकोर्ट में एक मामला दायर किया था. सोमवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस राय चट्टोपाध्याय ने उक्त आदेश दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 4, 2024 10:44 PM
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कोलकाता.

कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को 15 साल पुरानी बसों का परमिट रद्द करने के फैसले पर पुनर्विचार का आदेश दिया. राज्य सरकार के निर्देश के खिलाफ निजी बस मालिकों के संगठन ने हाइकोर्ट में एक मामला दायर किया था. सोमवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस राय चट्टोपाध्याय ने उक्त आदेश दिया. ज्ञात रहे कि प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पुरानी बसों, लॉरी, टैक्सियों और ऑटो को हटाने के लिए 15 साल की समय सीमा तय की है. तदनुसार, मुख्य सचिव ने शहर और उपनगरों में कई मार्गों पर 15 साल पुरानी बसों का परमिट रद्द करने के लिए दिशानिर्देश जारी किये. राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता ने दावा किया कि राज्य सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के आधार पर रूट नंबर 24 पर लगभग 39 बसों का परमिट रद्द हो रहा है और अगले साल मार्च तक रद्द बसों की संख्या बढ़कर करीब 1500 हो जायेगी. परिणामस्वरूप महानगर में परिवहन व्यवस्था भी प्रभावित होगी.

याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि कोरोना महामारी के दौरान कम से कम दो साल तक बसें रास्ते पर नहीं उतरी थीं. ऐसे में बसों का परमिट रद्द करने की गाइडलाइन पर पुनर्विचार करने की मांग की गयी है. मामले की सुनवाई सोमवार को जस्टिस राय चट्टोपाध्याय की अदालत में हुई. दोनों पक्षों के सवाल-जवाब सुनने के बाद न्यायाधीश ने राज्य के मुख्य सचिव को फैसले पर पुनर्विचार करने का आदेश दिया. न्यायाधीश ने अगले चार सप्ताह के भीतर राज्य द्वारा जारी अधिसूचना की समीक्षा करने का निर्देश दिया.

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