कोलकाता.
विधाननगर थाने की पुलिस ने डीवाइएफआइ नेता कलतान दासगुप्ता को शनिवार को विधाननगर अदालत में पेश किया. कोर्ट ने उन्हें 21 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेजने का निर्देश दिया. कलतान डीवाइएफआइ के मुखपत्र के संपादक भी हैं. उन पर आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों पर हमले की साजिश रचने का आरोप है. इस बाबत कुणाल घोष द्वारा जारी एक ऑडियो क्लिप पर संज्ञान लेते हुए पुलिस ने कलतान को गिरफ्तार किया है. उधर, कलतान का कहना है कि उन्हें साजिश कर फंसाया गया है. पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाय आंदोलन से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए पुलिस ऐसी हरकत कर रही है. वहीं, सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि एआइ व पेगासस का प्रयोग कर कलतान को फंसाया गया है. यह साजिश नहीं होती तो जो पुलिस एक साल में कालीघाट के काकू( सुजय कृष्ण भद्र) की आवाज परख नहीं पायी, उसी पुलिस ने 24 घंटे के अंदर कैसे पता लगा लिया कि उक्त ऑडियो क्लिप में किसकी आवाज है? पुलिस पर दबाव है, इसलिए उसने कतलान को गिरफ्तार किया. क्योंकि ऑडियो तृणमूल कांग्रेस के पास है. आरोप तृणमूल के नेता लगा रहे हैं. पुलिस खुद सक्रिय होकर मामला दर्ज कर रही है. यानि अब तक जो कुछ भी हुआ है, सब सुनियोजित साजिश का हिस्सा था.एआइ का इस्तेमाल कर कलतान को फंसाया गया : सुजन
कोलकाता. डीवाइएफआइ नेता व कवि कलतान की गिरफ्तारी पर वामपंथी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने दावा किया कि एआइ तकनीक का इस्तेमाल कर साजिश के तहत उसे फंसाया गया है. माकपा के कोलकाता जिला सचिव कल्लोल मजूमदार ने आरोप लगाया कि तृणमूल नेता कुणाल घोष कई लोगों द्वारा इस तरह के फोन करवा ऐसी हरकत करते रहे हैं. माकपा के प्रदेश सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि भीमा कोरेगांव मामले में भाजपा सरकार ने जिस तरह से काम किया था, पश्चिम बंगाल सरकार भी उसी के पदचिह्नों पर चल रही है. वहीं, डीवाइएफआइ, एसएफआइ व सारा भारत गणतांत्रिक महिला समिति ने संयुक्त बयान जारी कर कलतान की गिरफ्तारी की निंदा की है. साथ ही इसके खिलाफ राज्य के सभी थानों के सामने प्रदर्शन का भी एलान किया.पुलिस को पहले कुणाल घोष को करना चाहिए था अरेस्ट
कोलकाता. माकपा के राज्यसभा सांसद व अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने विधाननगर पुलिस द्वारा डीवाइएफआइ नेता कलतान दासगुप्ता की गिरफ्तारी पर कहा कि यह तृणमूल नेता कुणाल घोष एवं पुलिस की घटिया साजिश है. पूर्व मेयर ने कहा कि अगर पुलिस वाकई जांच कर रही है, तो उसे सबसे पहले कुणाल घोष को गिरफ्तार कर पूछना चाहिए था कि उनके पास यह ऑडियो क्लिप कहां से आयी, किसने फोन टैपिंग किया? कुणाल को गिरफ्तार करने के बाद बाकी लोगों को पकड़ना चाहिए था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है