कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने व्यक्ति के खिलाफ उसकी साली द्वारा क्रूरता के आरोपों को खारिज कर दिया है. मामले की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट की न्यायाधीश शंपा (दत्त) पॉल ने कहा कि एफआइआर में लगाये गये आरोप अस्पष्ट थे और सीधे याचिकाकर्ता की ओर इशारा नहीं करते थे. न्यायाधीश ने कहा कि आरोपों को देख कर ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान याचिकाकर्ता, जो शिकायतकर्ता की विवाहित साली है, उसके खिलाफ कोई विशेष आरोप नहीं है. उन्होंने कहा कि केस डायरी में मौजूद सामग्री से यह भी पता चलता है कि आरोप सामान्य प्रकृति के हैं. मामले में लिखित शिकायत शादी के लगभग 18 साल बाद दर्ज की गयी.
याचिकाकर्ता के खिलाफ मामले को साबित करने की अनुमति देना स्पष्ट रूप से कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा.
याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि वह सरकारी स्कूल में सहायक शिक्षक है. शिकायतकर्ता की शादी याचिकाकर्ता के भाई से 2006 में हुई. यह कहा गया कि वास्तविक शिकायतकर्ता नदिया के कृष्णानगर की स्थायी निवासी है और याचिकाकर्ता नदिया के चकदह का रहने वाला है और इन दोनों स्थानों के बीच की दूरी लगभग 50 किलोमीटर है. इसके बाद ही न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता की याचिका स्वीकार करते हुए मामला खारिज कर दिया.
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