दो अन्य चिकित्सक भी जांच के घेरे में

आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में वित्तीय अनियमितता की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) द्वारा मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, अफसर अली खान, सुमन हाजरा, विप्लव सिंह (विप्लव सिन्हा) और आशीष पांडेय गिरफ्तार किये जा चुके हैं. भ्रष्टाचार के उक्त मामले में सीबीआइ जांच के रडार पर डॉ देवाशीष सोम और डॉ सुजाता घोष भी हैं. सोम आरजी कर अस्पताल में फॉरेंसिक मेडिसिन डिपार्टमेंट में डेमोंस्ट्रेटर हैं, जबकि घोष मेडिकल काॅलेज की एनेस्थेसिया विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर हैं. आरोप है कि दोनों वित्तीय अनियमितता में सक्रिय रूप से शामिल हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | October 16, 2024 11:07 PM
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कोलकाता.

आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में वित्तीय अनियमितता की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) द्वारा मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, अफसर अली खान, सुमन हाजरा, विप्लव सिंह (विप्लव सिन्हा) और आशीष पांडेय गिरफ्तार किये जा चुके हैं. भ्रष्टाचार के उक्त मामले में सीबीआइ जांच के रडार पर डॉ देवाशीष सोम और डॉ सुजाता घोष भी हैं. सोम आरजी कर अस्पताल में फॉरेंसिक मेडिसिन डिपार्टमेंट में डेमोंस्ट्रेटर हैं, जबकि घोष मेडिकल काॅलेज की एनेस्थेसिया विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर हैं. आरोप है कि दोनों वित्तीय अनियमितता में सक्रिय रूप से शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार, सीबीआइ ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग को पत्र भेजा है और वित्तीय अनियमितता की जांच में मिले तथ्यों और इसमें तफ्तीश के दायरे में आने वाले दोनों चिकित्सकों की भूमिका के बारे में बताया है. पत्र में यह भी जानकारी मांगी गयी कि अभी तक आरोपी चिकित्सक पद पर क्यों बहाल हैं. इसके अलावा सीबीआइ की ओर से दोनों डॉक्टरों व मेडिकल कॉलेजों में ‘थ्रेट कल्चर’ में शामिल आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है. बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग ने सीबीआइ के पत्र का जवाब दिया है. केंद्रीय जांच एजेंसी से दोनों डॉक्टरों पर किस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप हैं, उसकी जानकारी मांगी है.

आरोप है कि आरजी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में फूड स्टॉल, कैफे, कैंटीन, सुविधा परिसरों के निर्माण के लिए निविदाएं स्वास्थ्य और कॉलेज काउंसिल की अनुमति के बिना जारी की गयीं.

इनमें से प्रत्येक ””अवैध”” टेंडर तीन खास व्यापारियों को मिलता था. सीबीआइ के पत्र में संकेत दिया गया है कि केंद्रीय जांच एजेंसी भी अपनी जांच प्रक्रिया के बाद तफ्तीश के रडार में आये दो डॉक्टरों पर कार्रवाई कर सकती है. आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर की मौत के मामले में सेमिनार कक्ष में देवाशीष सोम की उपस्थिति पर पहले भी सवाल उठाया गया था. भ्रष्टाचार मामले से लेकर जूनियर महिला डॉक्टर की हत्या के मामले तक उनका नाम बार-बार आता रहा है.

दूसरी ओर, डॉ सुजाता घोष का नाम भी सामने आया है. 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जूनियर डॉक्टरों के वकील ने कई तथ्य पेश किये. काउंटर स्टेट की ओर से राकेश द्विवेदी की ओर से कहा गया था कि अगर सीबीआइ उन्हें सूचीबद्ध करेगी, तो वह इस तरह की कार्रवाई करेंगे.

इस बार सीबीआइ ने सीधे स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया. यह भी संकेत दिया गया है कि भविष्य में कई और डॉक्टरों के नाम भी सामने आ सकते हैं.

जल्द चार्जशीट दाखिल कर सकती है सीबीआइ

कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में वित्तीय अनियमितता की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) द्वारा मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, अफसर अली खान, सुमन हाजरा, विप्लव सिंह (विप्लव सिन्हा) और आशीष पांडेय गिरफ्तार किये जा चुके हैं. सूत्रों की मानें, तो उक्त मामले को लेकर सीबीआइ जल्द अदालत में चार्जशीट दाखिल कर सकती है. इस बीच, बुधवार को केंद्रीय जांच एजेंसी ने मामले की तफ्तीश के तहत पांच लोगों से पूछताछ की है. इनमें से एक नेशनल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल का हाउस स्टाफ भी है. इस दिन पांचों लोग यहां निजाम पैलेस स्थित सीबीआइ कार्यालय पहुंचे थे. उक्त मामले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) धनशोधन पहलू की जांच कर रहा है और सीबीआइ अधिकारी प्रेसिडेंसी संशोधनागार में ही घोष व अन्य आरोपियों से पूछताछ कर चुके हैं.

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