राज्य सरकार व जूनियर डॉक्टरों के बीच दिन भर चला पत्रचार का दौर

आरजी कर कांड के खिलाफ जूनियर चिकित्सकों की हड़ताल जारी है और इसे बंद करने के लिए राज्य सरकार भी पूरी कोशिश कर रही है. मंगलवार के बाद बुधवार को राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने ईमेल के माध्यम से आंदोलनकारी चिकित्सकों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था. इसका जवाब जूनियर चिकित्सकों ने भी ईमेल के माध्यम से दिया. लेकिन राज्य सरकार व आंदोलनकारी जूनियर चिकित्सकों के बीच आमने-सामने बैठक नहीं हुई.

By Prabhat Khabar News Desk | September 11, 2024 11:07 PM

कोलकाता.

आरजी कर कांड के खिलाफ जूनियर चिकित्सकों की हड़ताल जारी है और इसे बंद करने के लिए राज्य सरकार भी पूरी कोशिश कर रही है. मंगलवार के बाद बुधवार को राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने ईमेल के माध्यम से आंदोलनकारी चिकित्सकों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था. इसका जवाब जूनियर चिकित्सकों ने भी ईमेल के माध्यम से दिया. लेकिन राज्य सरकार व आंदोलनकारी जूनियर चिकित्सकों के बीच आमने-सामने बैठक नहीं हुई. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने यहां आरजी कर अस्पताल में जूनियर महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या की घटना से उत्पन्न गतिरोध पर बातचीत के लिए बुधवार को आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों को आमंत्रित किया था. राज्य सरकार ने उन्हें बुधवार शाम छह बजे राज्य सचिवालय ‘नबान्न’ में होने वाली बैठक में शामिल होने को कहा था. राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने पत्र में कहा था : हम आपके प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित करते हैं, जिसमें 12-15 सहकर्मी शामिल हों. हम आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं और एक सार्थक बातचीत की उम्मीद करते हैं. हालांकि, इसमें यह उल्लेख नहीं किया गया है कि बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी करेंगी या नहीं. श्री पंत ने यह भी कहा कि डॉक्टर मंगलवार शाम पांच बजे तक काम पर लौटने की समय-सीमा के पालन से पहले ही चूक गये हैं.

आंदोलनकारी चिकित्सकों ने भी जवाबी पत्र भेज कर रखीं अपनी मांगें : इस बीच, आंदोलनकारी चिकित्सकों ने जवाबी पत्र भेजकर मांग की कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री मौजूद रहें और बैठक में 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को शामिल होने की अनुमति दी जाये. इससे पहले दिन में तीन बजकर 49 मिनट पर आंदोलनकारी जूनियर चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक ई-मेल भेजकर गतिरोध पर चर्चा के लिए समय मांगा था, जिसके जवाब में सरकार की ओर से उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित करते हुए 12-15 प्रतिनिधियों के इसमें शामिल होने को कहा गया था.

जूनियर चिकित्सकों का कहना है कि नबान्न के निमंत्रण को स्वीकार करने या न करने का फैसला करने से पहले कई बिंदुओं पर चर्चा करने की जरूरत है. एक डॉक्टर ने बताया कि अपने मेल में चिकित्सकों ने कहा कि वे ‘किसी भी समय और कहीं भी’ बैठक के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि पूरी चर्चा का सीधा प्रसारण किया जाये. उनका कहना है कि हमने मुख्यमंत्री को बैठक के लिए पत्र लिखा है, जो आज या कल कभी भी और उनकी पसंद के अनुसार कहीं भी आयोजित की जा सकती है. लेकिन, बैठक का सीधा प्रसारण किया जाना चाहिए. राज्य के स्वास्थ्य विभाग कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारी डॉक्टर मांग कर रहे हैं कि कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल, राज्य के स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक (डीएचई) और स्वास्थ्य सेवा निदेशक (डीएचएस) को उनके पदों से हटाया जाये. 10 सितंबर को शाम पांच बजे तक काम पर लौटने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश की अवहेलना करते हुए, प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने न्याय की मांग को लेकर बुधवार को 33वें दिन भी काम बंद रखा.

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