सीबीआइ ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी आशीष पांडेय को किया गिरफ्तार
आशीष पांडेय आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के काफी करीबी बताये जा रहे हैं
आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितता का मामलापूछताछ के दौरान अधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश करने का लगाया गया है आरोप संवाददाता, कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में वित्तीय अनियमितता के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने तृणमूल छात्र परिषद के नेता आशीष पांडेय (37) को गुरुवार शाम को गिरफ्तार कर लिया. आशीष पांडेय आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के काफी करीबी बताये जा रहे हैं. पांडेय को शुक्रवार को अदालत में पेश किया जायेगा. आशीष पांडेय पर आरजी कर अस्पताल में संदीप घोष के साथ मिलकर टेंडर को अवैध तरीके से अन्य लोगों को दिलवाने का आरोप लगा है. आर्थिक फायदा लेने को लेकर भी आशीष के खिलाफ कई तरह के सबूत सीबीआइ के पास हैं. इस आधार पर जांच एजेंसी ने आशीष पांडेय को गिरफ्तार करने का फैसला लिया. आशीष पर वारदात की रात (प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या की घटना) सॉल्टलेक में एक होटल में ठहरने एवं वारदात की रात को ही अस्पताल पहुंचने का भी आरोप लगता आया है. कैसे हुई गिरफ्तारी: आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितता के मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष (53) के अलावा उनके साथी बिप्लव सिन्हा (52), सुमन हाजरा (46) और अफसर अली (44) को गिरफ्तार किया जा चुका है. चारों से पूछताछ में सीबीआइ को कई अहम जानकारी मिली थी. कुछ सबूत भी अधिकारियों के हाथ लगे थे. जिसमें संदीप घोष के अति घनिष्ठ आशीष के नाम का पता चला था. जिसके बाद लगातार आशीष पांडेय से पूछताछ की जा रही थी. जांच में असहयोग का लगा है आरोप सीबीआइ सूत्र बताते हैं कि पूछताछ में आशीष पांडेय लगातार अपने बयान को बदल रहा था. आशीष से लगातार पूछताछ की जा रही थी, सच्चाई बताने के लिए उसे लगातार मौका दिया जा रहा था. आशीष जांच अधिकारियों को लगातार गुमराह कर रहा था. वह तथ्यों को छिपा रहा था. गुरुवार को उसे सीबीआइ दफ्तर में बुलाकर पूछताछ की गयी तो वह बयान बदलकर जांच अधिकारियों को भ्रमित करने की कोशिश करने लगा. जिसके बाद उसे गिरफ्तार करने का फैसला लिया गया.
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