आरजी कर कांड. टाला थाने के ओसी अभिजीत मंडल व अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को 17 तक सीबीआइ हिरासत
दोनों की रविवार को सियालदह कोर्ट में हुई पेशी
संवाददाता, कोलकाताआरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की एक जूनियर महिला डाॅक्टर से दुष्कर्म व हत्या मामले की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने घटना के पीछे बड़ी साजिश होने की आशंका जतायी. सीबीआइ ने घटना के पीछे और प्रभावशाली लोगों के शामिल होने की भी आशंका जतायी. इस मामले में टाला थाने के प्रभारी (ओसी) अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया है. साथ ही सीबीआइ ने अस्पताल में वित्तीय अनियमितता में पहले से ही गिरफ्तार मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष को शोन अरेस्ट किया. दोनों को रविवार को सियालदह कोर्ट में न्यायाधीश पामेला गुप्ता के समक्ष पेश किया गया. कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने घटना के बाद सबूतों से छेड़छाड़, क्राइम स्पॉट से सबूत मिटाने व पुलिस की जांच प्रक्रिया देर से शुरू किये जाने का भी आरोप लगाया. दोनों को सीबीआइ ने अपनी हिरासत में भेजने की अपील की. अदालत ने आरोपियों को तीन दिनों की सीबीआइ हिरासत में रखे जाने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी. देर से क्यों दर्ज हुई प्राथमिकी सीबीआइ ने कहा : घटना को लेकर नौ अगस्त सुबह 10.03 बजे टाला थाना में सूचना दी गयी थी कि अस्पताल में चिकित्सक का शव मिला है. इसके करीब एक घंटे बाद टाला थाना के ओसी मौके पर क्यों पहुंचे, जबकि टाला थाने व अस्पताल के बीच काफी कम दूरी है. पीड़िता को चिकित्सकों ने पहले ही मृत घोषित कर दिया था. पुलिस ने उसके बाद जो जीडी दर्ज की, उसमें मृतका को ‘अनकंशस स्टेट’ में पाये जाने का उल्लेख क्यों किया गया.इतना ही नहीं, मामले को लेकर रात करीब 11 बजे के बाद प्राथमिकी दर्ज की गयी. इतने घंटों बाद क्यों प्राथमिकी दर्ज की गयी. सीबीआइ ने संदीप और टाला थाने के ओसी की भूमिका पर सवाल उठाया है.
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