कोलकाता. राज्य के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में हुईं नियुक्तियों के घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा गिरफ्तार राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को अभी तक जमानत नहीं मिली है. इधर, इसी महीने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति घोटाले में चटर्जी और मामले में पहले से गिरफ्तार प्रमोटर अयन शील को भी शोन अरेस्ट किया है. सीबीआइ ने दोनों को अपनी हिरासत में लेने का आवेदन नहीं किया था, इसलिए वे फिलहाल संशोधनागार में ही हैं. हालांकि, केद्रीय जांच एजेंसी ने स्पेशल सीबीआइ कोर्ट से दोनों को संशोधनागार में ही पूछताछ करने के लिए आवेदन किया था, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया है. इडी ने 23 जुलाई, 2022 को चटर्जी को गिरफ्तार किया था. इडी हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद से ही चटर्जी न्यायिक हिरासत की अवधि प्रेसिडेंसी संशोधनागार में काट रहे हैं. दूसरी ओर वर्ष 2023 के मार्च में मामले के अन्य आरोपी शांतनु बंद्योपाध्याय के करीबी माने जाने वाले प्रमोटर अयन शील को भी इडी ने गिरफ्तार किया है. वह भी संशोधनागार में न्यायिक हिरासत की अवधि काट रहा है. बताया जा रहा है कि वर्ष 2014 में टेट की परीक्षा में असफल रहने वाले कुछ अभ्यर्थियों की अवैध तरीके से नियुक्ति मिली, जिसके जरिये करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितता हुई. आरोप है कि इस घोटाले में चटर्जी और शील सीधे तौर पर लाभान्वित हुए हैं. हालांकि, यह जांच का विषय है.
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