झींगा का निर्यात बढ़ाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार मिल कर करेगी काम

पश्चिम बंगाल से झींगा यानी चिंगड़ी का निर्यात बढ़ाने के लिए अब केंद्र व राज्य सरकार ने हाथ मिलाया है. इस योजना पर केंद्र और राज्य सरकार की संस्थाओं ने मिलकर पहल शुरू की है. सरकारी अधिकारियों का दावा है कि इससे न केवल मछुआरों की आय बढ़ेगी, बल्कि सरकार को राजस्व में भी बढ़ोतरी करने में मदद मिलेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | January 23, 2025 11:14 PM

कोलकाता. प

श्चिम बंगाल से झींगा यानी चिंगड़ी का निर्यात बढ़ाने के लिए अब केंद्र व राज्य सरकार ने हाथ मिलाया है. इस योजना पर केंद्र और राज्य सरकार की संस्थाओं ने मिलकर पहल शुरू की है. सरकारी अधिकारियों का दावा है कि इससे न केवल मछुआरों की आय बढ़ेगी, बल्कि सरकार को राजस्व में भी बढ़ोतरी करने में मदद मिलेगी. अमेरिका 2017 से समुद्र से पकड़ी गयी स्वादिष्ट और लजीज झींगा नहीं खरीद रहा है. परिणामस्वरूप, भारत का झींगा निर्यात कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. वहीं, झींगा नहीं खरीदने के कारण के संबंध में अमेरिका ने बयान जारी कर कहा है कि मछली पकड़ते समय कई लोगों के जाल में कछुए फंस रहे हैं. कछुए अब पूरी दुनिया में विलुप्त होने की कगार पर हैं. इस स्थिति में कछुओं का संरक्षण आवश्यक है. अमेरिकी राष्ट्रीय महासागरीय व वायुमंडलीय प्रशासन ने कहा है कि समुद्र से झींगा पकड़ते समय जाल में ”टर्टल एक्सक्लूडर डिवाइस” या ”टीईडी” नामक एक विशेष उपकरण अवश्य लगाया जाना चाहिए. परिणामस्वरूप, यदि मछुआरे अपने जाल में झींगा के अलावा अन्य मछलियां भी पकड़ लेंगे, तो कछुए नहीं फंसेंगे. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से इस संबंध में अधिसूचना जारी करने को कहा है.

जारी की गयी अधिसूचना

केंद्र सरकार के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने भी इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. वहीं, केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने देश भर में मछुआरों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए पहले ही एक करोड़ रुपये का कोष स्थापित कर दिया है. दिसंबर से अब तक इस धनराशि से पश्चिम बंगाल में सात शिविर आयोजित किये जा चुके हैं. उन शिविरों में बोर्ड, मालिक संगठन और मछुआरों के संगठन के पदाधिकारी थे. केंद्रीय एजेंसी के उप निदेशक और राज्य प्रमुख धीरित एक्का ने इस संबंध में कहा कि वे इस जागरूकता शिविर को जारी रखेंगे. दूसरी ओर, राज्य के ईएमपीईडीए नेटफिश के संयोजक अतनु राय ने कहा कि इसके लिए जागरूकता के साथ-साथ मछुआरों के लिए उचित प्रशिक्षण की भी जरूरत है. हम मछुआरों के प्रशिक्षण और परीक्षण की पूरी व्यवस्था करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि तटीय पुलिस और राज्य मत्स्य विभाग के अधिकारी इस पहल में उनकी मदद कर रहे हैं.

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