राज्य से वसूले गये कर में से 50% हिस्सेदारी दे केंद्र
सीएम ने कहा है कि केंद्र सरकार राज्यों द्वारा वसूले गये संपूर्ण कर को ले लेती है और उसमें से मात्र 41 प्रतिशत राज्यों को देती है.
16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में पहुंचा प्रतिनिधिमंडल
कोलकाता. केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीनस्थ 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल महानगर पहुंचा है. मंगलवार को वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद पनगढ़िया ने राज्य में वित्त आयोग की योजनाओं को लेकर राज्य सरकार के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. इसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उनके प्रमुख मुख्य वित्त सलाहकार डॉ अमित मित्रा, वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, मुख्य सचिव मनोज पंत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य से वसूले गये कर में से 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी देने की मांग की है. उन्होंने राज्य सरकार की मौजूदा हिस्सेदारी को 41 प्रतिशत से बढ़ा कर 50 प्रतिशत करने की मांग की है. सीएम ने कहा है कि केंद्र सरकार राज्यों द्वारा वसूले गये संपूर्ण कर को ले लेती है और उसमें से मात्र 41 प्रतिशत राज्यों को देती है. इससे किसी राज्य का विकास कैसे होगा. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि केंद्र सरकार पर राज्य का लगभग एक लाख 76 हजार करोड़ रुपये बकाया है, जिसका भुगतान केंद्र द्वारा नहीं किया जा रहा है. इसे लेकर उन्होंने स्वयं कई बार पत्र लिखा है, लेकिन केंद्र ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. राज्य की उपेक्षा का भी उठाया मुद्दावित्त आयोग के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर राज्य की उपेक्षा करने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य को मनरेगा, ग्रामीण आवास योजना सहित कई योजनाओं के लिए फंड देना बंद कर दिया है. सीएम ने कहा कि क्या किसी राज्य को सिर्फ केंद्र सरकार द्वारा सुझाये गये रंग का प्रयोग नहीं करने पर फंड से वंचित किया जा सकता है. किसी भी योजना पर केंद्र सरकार द्वारा 60 प्रतिशत धनराशि दी जाती है, तो राज्यों द्वारा भी 40 प्रतिशत का भुगतान किया जाता है. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सकरार राज्य को मनमाने ढंग से एकतरफा तरीके से फंड से वंचित कर रही है.बंगाल में सामाजिक सुरक्षा के लिए शुरू की गयी हैं कई योजनाएं
मुख्यमंत्री ने वित्त आयोग के प्रतिनिधियों के समक्ष दावा किया कि हमारी सरकार ने सामाजिक सुरक्षा के लिए राज्य में कई योजनाएं शुरू की हैं, जैसा देश के किसी राज्य ने नहीं किया. फिर भी हमें केंद्रीय फंड का भुगतान नहीं किया जा रहा है. राज्य में कन्याश्री, सबूज साथी, लक्ष्मी भंडार, स्वास्थ्य साथी जैसे कई सामाजिक सुरक्षा की योजनाएं लागू हैं. लेकिन केंद्र सरकार ने इन योजनाओं के लिए कोई मदद नहीं की. इसके अलावा, केंद्र सरकार ने बाढ़ नियंत्रण के लिए भी कोई पैसा नहीं दिया. सुंदरवन के लिए आज तक कोई पैसा हमें नहीं मिला. वहीं, उत्तर भारत की सभी नदियों में बारिश के समय उफान की वजह से बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है. नदियों का कटाव जारी है, लेकिन इसके लिए भी केंद्रीय मदद नहीं मिल रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है