वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ सदन में प्रस्ताव पेश कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर सोमवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार पर मुस्लिमों को निशाना बनाने का आरोप लगाया और संसद में इसके पारित होने पर संदेह जताया. वक्फ विधेयक के विरोध में विधानसभा में राज्य सरकार की तरफ से पेश किए गये प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ममता ने आरोप लगाया कि केंद्र ने इस विषय पर राज्य सरकारों की अनदेखी की है. ममता ने कहा कि केंद्र ने वक्फ विधेयक पर हमसे (राज्य से) कोई परामर्श नहीं किया. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में विपक्षी सदस्यों को बोलने नहीं देने को लेकर भी भाजपा की आलोचना की. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जेपीसी में विपक्षी सदस्यों को बोलने नहीं दिया गया. यही कारण है कि सभी विपक्षी दलों के सांसदों द्वारा इसका बहिष्कार किया गया है. उन्होंने केंद्र पर मुस्लिमों को निशाना बनाते हुए विभाजनकारी एजेंडा को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया. ममता ने सवाल किया कि इस वक्फ (संशोधन) विधेयक के नाम पर एक ही धर्म को क्यों निशाना बनाया जा रहा है? मुस्लिमों को क्यों निशाना बनाया जा रहा है? क्या आप विभिन्न हिंदू मंदिर न्यासों या चर्च की संपत्तियों के साथ भी ऐसा करने का साहस करेंगे? इसका जवाब है नहीं. लेकिन, एक खास समुदाय को निशाना बनाना आपके विभाजनकारी एजेंडे के अनुकूल है. उन्होंने कहा कि क्या भाजपा संसद में इस विधेयक को पारित कर पायेगी, जबकि उसके पास दो-तिहाई बहुमत नहीं है? बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने विधानसभा के नियम 169 के तहत वक्फ विधेयक के खिलाफ यह प्रस्ताव पेश किया, जिसपर मंगलवार को भी सदन में चर्चा होगी. वहीं, विपक्षी भाजपा के विधायकों ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया. भाजपा के मुख्य सचेतक व सिलीगुड़ी से विधायक शंकर घोष ने संसद में वक्फ विधेयक के पारित होने से पहले इसके विरोध में यहां विधानसभा में प्रस्ताव लाने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए ममता सरकार पर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि संशोधन विधेयक से वक्फ बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता आयेगी और वे जवाबदेह बनेंगे.
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