पांच अस्पतालों में सेंट्रल रेफरल सिस्टम कल से

कोलकाता के पांच मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक नवंबर से सेंट्रल रेफरल सिस्टम लागू किया जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | October 31, 2024 1:44 AM

पायलट प्रोजेक्ट के तहत कोलकाता के पांच मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में शुरू होगी नयी व्यवस्था

संवाददाता, कोलकाता

कोलकाता के पांच मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक नवंबर से सेंट्रल रेफरल सिस्टम लागू किया जायेगा. इससे पहले दक्षिण 24 परगना जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 15 अक्तूबर को योजना की शुरुआत की गयी थी. इसके माध्यम से जिले के मरीजों को कोलकाता के एमआर बांगुर अस्पताल में इलाज कराया गया था.

पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर एक नवंबर को कोलकाता के पांच मेडिकल काॅलेज एवं अस्पतालों के साथ जिला व प्रखंड अस्पतालों को ऑनलाइन जोड़ा जा रहा है. बुधवार को इसका रिहर्सल आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, एसएसकेएम, एनआरएस व नेशनल मेडिकल कॉलेज के साथ किया गया. एक नवंबर से यह सिस्टम इन मेडिकल काॅलेजों में शुरू हो जायेगा. गौरतलब है कि जूनियर डॉक्टर अस्पतालों के िलए सेंट्रल रेफरल सिस्टम की मांग कर रहे हैं. जूनियर डॉक्टरों से बातचीत में राज्य सरकार ने यह मांग पूरी करने का वादा किया है. बुधवार को ही कोलकाता पुलिस मुख्यालय ‘लालबाजार’ की ओर से इन पांच अस्पतालों में सुरक्षा ऑडिट किया गया. जूनियर डाॅक्टरों के एक वर्ग की मांग थी कि अस्पताल की बाहरी जरूरतों के लिए सिविक वॉलंटियर के बजाय पूर्णकालिक पुलिस को तैनात किया जाना चाहिए. महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती होनी चाहिए. प्रसूति व बाल रोग विभागों में विशेष रूप से महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती होनी चाहिए . हालांकि, राज्य सरकार ने इस बारे में कोई प्रशासनिक निर्णय नहीं लिया है कि ऑनलाइन प्रणाली शुरू होने पर सुरक्षा का मुद्दा तुरंत कलकत्ता पुलिस को सौंपा जायेगा या नहीं, क्योंकि आरजी कर अस्पताल में केंद्रीय बल (सीआइएसएफ) की तैनाती सुप्रीम कोर्ट आदेश पर हुई है. अब सवाल यह है कि अगर ऑनलाइन रेफरल सिस्टम शुरू हो गया, तो डाॅक्टरों को कितना फायदा होगा. मरीजों को कितना फायदा होगा? ऑनलाइन रेफरल सिस्टम एक ऐसी व्यवस्था है, जिससे बाहर बैठे-बैठे संबंधित विभाग का डाॅक्टर समझ सकता है कि उसके विभाग में कितने बेड खाली हैं. फिर, जिला या ब्लाॅक अस्पतालों के जुड़ने से किसी मेडिकल काॅलेज या अस्पताल में बेड की रिक्तता भी समझ में आ जायेगी.

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