कोलकाता. स्कूली पाठ्यक्रम में अब लीडरशिप क्वालिटी और लीडर बनने के लिए पाठ्यक्रम शामिल किये जायेंगे. यह पाठ्यक्रम 11वीं कक्षा में विद्यार्थियों को नेतृत्व कौशल सिखाने के लिए शुरू किया गया है. उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डॉ चिरंजीव भट्टाचार्य ने बताया कि छात्रों में लीडरशिप क्वालिटी बढ़ाने के लिए स्कूल के पाठ्यक्रम में लीडरशिप स्किल व योग्यता बढ़ाने वाले चैप्टर जोड़े जा रहे हैं. इस प्रक्रिया में 11वीं कक्षा के छात्र वर्तमान शैक्षणिक वर्ष से दूसरे सेमेस्टर में इन विशेष चैप्टर का अध्ययन कर पायेंगे. एक लीडर में क्या गुण होने चाहिए, लीडरशिप कैसे की जाये और लीडरशिप कितने प्रकार की है. इसका विवरण स्कूल पाठ्यक्रम में दिया जायेगा. डॉ चिरंजीव भट्टाचार्य ने बताया कि एक अच्छा लीडर बनने के लिए व्यक्ति में ईमानदारी, साहस, व्यक्तित्व, अनुभव और बुद्धिमत्ता सहित अनेक गुण होने चाहिए.
किसी भी क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए छात्रों में इन गुणों को विकसित करने के लक्ष्य से पाठ्यक्रम में यह भी सिखाया जायेगा. टीम लीडर के रूप में कैसे काम किया जाये, यह भी पाठ्यक्रम में सिखाया जायेगा. अगर किसी छात्र में नेतृत्व करने की क्षमता नहीं है, तो वह भविष्य में सफल नहीं होगा. चाहे निजी क्षेत्र हो, व्यवसाय हो या स्टार्टअप. हर क्षेत्र में प्रबंधन कौशल की आवश्यकता होती है. काउंसिल के अध्यक्ष ने कहा कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इस खंड को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है.
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